पाकिस्तान: – जैश के संपर्क में है सरकार, संगठन ने नहीं ली पुलवामा हमले की जिम्मेदारी
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस बात को स्वीकार किया है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का मुखिया मसूद अजहर पाकिस्तान में है और उसकी तबियत खराब है। उनका कहना है कि उनकी सरकार ने आतंकी संगठन के नेतृत्व से संपर्क किया है जिसने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।
विज्ञापाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस बात को स्वीकार किया है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का मुखिया मसूद अजहर पाकिस्तान में है और उसकी तबियत खराब है। उनका कहना है कि उनकी सरकार ने आतंकी संगठन के नेतृत्व से संपर्क किया है जिसने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।
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शुक्रवार को बीबीसी को दिए इंटरव्यू में कुरैशी ने कहा कि जेईएम के नेतृत्व से संपर्क किया गया और उन्होंने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। भारत पाक के बीच जारी तनाव को लेकर कुरैशी ने कहा, ‘पाकिस्तान शांति चाहता है, हमें स्थिरता चाहिए। हमें आगे देखना चाहिए। हमारे पास बहुत से मसले हैं जिन्हें हम सुलझाने के लिए तैयार हैं। हम इन मुद्दों को कैसे सुलझाएंगे? एक दूसरे पर मिसाइलें दागकर? नहीं बल्कि एक-दूसरे से बात करके। सबूतों को साझा करके।’
जब इंटरव्यूकर्ता ने उनसे पूछा कि दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ा जब पुलवामा में आतंकी हमला हुआ और इसकी जिम्मेदारी जेईएम ने ली। इसपर कुरैशी ने कहा कि इसपर भ्रम है। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। इसपर कुछ भ्रम है।’ जब उनसे इस बात को स्पष्ट करने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा, ‘भ्रम यह है कि जब नेतृत्व से संपर्क किया गया तो उन्होंने मना कर दिया। उन्होंने इसका खंडन किया है। यही भ्रम है।’
जब कुरैशी से पूछा गया कि जेईएम के नेतृत्व से किसने संपर्क किया था तो पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा, ‘उन लोगों ने जो उन्हें जानते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘उन्होंने किसी जिम्मेदारी का दावा नहीं किया है। उन्होंने इसका खंडन किया है।’ उन्होंने बहावलपुर स्थित मदरसे का जिक्र करते हुए कहा कि भारत और दुनिया के कुछ देश उस मदरसे को आतंकी कैंप का नाम दे रहे हैं। मगर वहां एक मदरसा है। मीडिया को वहां लेकर जाया गया था और उन्होंने जो देखा वह दुनिया के सामने है।पन
शुक्रवार को बीबीसी को दिए इंटरव्यू में कुरैशी ने कहा कि जेईएम के नेतृत्व से संपर्क किया गया और उन्होंने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। भारत पाक के बीच जारी तनाव को लेकर कुरैशी ने कहा, ‘पाकिस्तान शांति चाहता है, हमें स्थिरता चाहिए। हमें आगे देखना चाहिए। हमारे पास बहुत से मसले हैं जिन्हें हम सुलझाने के लिए तैयार हैं। हम इन मुद्दों को कैसे सुलझाएंगे? एक दूसरे पर मिसाइलें दागकर? नहीं बल्कि एक-दूसरे से बात करके। सबूतों को साझा करके।’
जब इंटरव्यूकर्ता ने उनसे पूछा कि दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ा जब पुलवामा में आतंकी हमला हुआ और इसकी जिम्मेदारी जेईएम ने ली। इसपर कुरैशी ने कहा कि इसपर भ्रम है। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। इसपर कुछ भ्रम है।’ जब उनसे इस बात को स्पष्ट करने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा, ‘भ्रम यह है कि जब नेतृत्व से संपर्क किया गया तो उन्होंने मना कर दिया। उन्होंने इसका खंडन किया है। यही भ्रम है।’
जब कुरैशी से पूछा गया कि जेईएम के नेतृत्व से किसने संपर्क किया था तो पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा, ‘उन लोगों ने जो उन्हें जानते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘उन्होंने किसी जिम्मेदारी का दावा नहीं किया है। उन्होंने इसका खंडन किया है।’ उन्होंने बहावलपुर स्थित मदरसे का जिक्र करते हुए कहा कि भारत और दुनिया के कुछ देश उस मदरसे को आतंकी कैंप का नाम दे रहे हैं। मगर वहां एक मदरसा है। मीडिया को वहां लेकर जाया गया था और उन्होंने जो देखा वह दुनिया के सामने है।