UNSC में मसूद अजहर के खिलाफ प्रस्ताव से पहले चीन ने भारत से पुख्ता सबूत मांगे हैं.
पुलवामा आतंकी हमले का गुनाहगार और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का बचना इस बार मुश्किल है. संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की बैठक में मसूद अजहर के ग्लोबल आतंकी होने पर आज मुहर लग सकती है. इस मुहिम में कोई अड़ंगा ना लगे इसको लेकर भारत इस बार पुख्ता तैयारी कर रहा है. सूत्रों की मानें तो भारत की तरफ से UNSC में कई पुख्ता सबूत पेश किए जाएंगे.
आपको बता दें कि इससे पहले भी कई बार पेश किए गए प्रस्तावों में चीन ने अपना वीटो पावर लगा इसपर अड़ंगा लगाया था. इस बार भी चीन मसूद अजहर के खिलाफ सबूत मांग रहा है. इसी जवाब में भारत की तरफ से सबूत पेश किए जा रहे हैं.
भारत इस बार मसूद अजहर की कई टेप, जैश-ए-मोहम्मद की कई अन्य टेप संयुक्त राष्ट्र को सौंपेगा. भारत की ओर से पूरा डोजियर तैयार किया गया है जिसमें ये सभी मौजूद हैं. जो ऑडियो टेप दिया जा रहा है उसमें मसूद अजहर खुद को जैश ए मोहम्मद का प्रमुख बता रहा है.
दरअसल, इससे पहले जब भी UNSC में प्रस्ताव पेश हुआ है तो चीन की ओर से कहा गया था कि मसूद अजहर के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं हैं, हालांकि चीन ने जैश-ए-मोहम्मद पर बैन लगाने का विरोध नहीं किया था. चीन का कहना था कि मसूद जैश का सरगना है इसका कोई सबूत नहीं है.
चीन इससे पहले भी कई मोर्चों पर भारत को दगा देता आया है. गौर करने वाली बात ये भी है कि पाकिस्तान में चीन के कई बड़े आर्थिक प्रोजेक्ट चल रहे हैं जिसकी वजह से वह हर बार उसके साथ ही खड़ा होता आया है.
सिर्फ सबूत ही नहीं बल्कि इस बार मसूद अजहर पर कई अन्य तरीके से भी शिकंजा कसा जा रहा है. इस बार का प्रस्ताव अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से पेश किया गया है. पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद दुनिया के कई देश भारत के साथ खड़े हुए थे, ऐसे में इस बार चीन का अड़ंगा लगाना इतना भी आसान नहीं है.