सुषमा स्वराज की पाकिस्तान को दो टूक, – इमरान खान इतने उदार हैं तो मसूद अजहर को भारत को सौंपें
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नई दिल्ली :
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को दो टूक कहा है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते हैं. जैश पर सख़्त रुख़ अपनाते हुए विदेश मंत्री ने पाकिस्तान से मसूद अजहर को भारत को सौंपने की मांग की. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, ”हम पाकिस्कतान से आतंकवाद मुक्त माहौल में बातचीत के लिए तैयार हैं. कुछ लोग कहते हैं कि इमरान खान स्टेट्समैन और उदारवादी हैं. अगर वे इतने उदार हैं तो मसूद अजहर को भारत को सौंप दें”. आपको बता दें कि एक बार फिर जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर वैश्विक आतंकवादी घोषित होने से बच गया. चीन ने भारत की कोशिश को झटका देते हुए प्रस्ताव में रोड़े अटका दिए. चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसे वैश्विक आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा दी. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ‘‘1267 अल कायदा सैंक्शन्स कमेटी” के तहत अजहर को आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव 27 फरवरी को फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने लाया था.
14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के फिदायीन ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 40 जवानों की मौत हो गई थी. इस हमले की वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पैदा हो गया था. कमेटी के सदस्यों के पास प्रस्ताव पर आपत्ति जताने के लिए 10 कार्य दिन का वक्त था.यह अवधि बुधवार को (न्यूयॉर्क के) स्थानीय समय दोपहर तीन बजे (भारतीय समयनुसार बृहस्पतिवार रात साढ़े 12 बजे) खत्म होनी थी.संयुक्त राष्ट्र में एक राजनयिक ने बताया कि समयसीमा खत्म होने से ठीक पहले चीन ने प्रस्ताव पर ‘तकनीकी रोक’ लगा दी. राजनयिक ने कहा कि चीन ने प्रस्ताव की पड़ताल करने के लिए और वक्त मांगा है.यह तकनीकी रोक छह महीनों के लिए वैध है और इसे आगे तीन महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है.
इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने इस पर (घटनाक्रम पर) निराशा जताई.मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम निराश हैं. लेकिन हम सभी उपलब्ध विकल्पों पर काम करते रहेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय नागरिकों पर हुए हमलों में शामिल आतंकवादियों को न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाए.”मंत्रालय ने कहा कि हम प्रस्ताव लाने वाले सदस्य राष्ट्रों के प्रयास के लिए आभारी हैं. साथ में सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्यों और गैर सदस्यों के भी आभारी हैं जिन्होंने इस कोशिश में साथ दिया. मंत्रालय ने चीन का नाम लिए बिना कहा कि कमेटी अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं कर सकी क्योंकि एक सदस्य देश ने प्रस्ताव रोक दिया.