November 22, 2024

ज़रूरी ख़बर : अकाउंट से कट गया लेकिन ATM से नहीं निकला पैसा, तो जानें कैसे वापिस पाएं…….

एटीएम (ATM) से पैसा निकालते वक्त कई बार ऐसा होता है कि खाते से रकम कट जाती है, लेकिन आपकी गाढ़ी कमाई आपको नहीं मिलती। ऐसे में ग्राहक पर दोहरी मार पड़ती है, एक तरफ उसे जरूरत के वक्त पैसा नहीं मिलता और दूसरी ओर उसने अपनी ही रकम पाने के लिए बैंक का चक्कर लगाना पड़ता है।

बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे पहले जरूरी है कि एटीएम से पैसा निकालते वक्त स्लिप जरूर लें। इससे एटीएम से पैसा न निकलने का सबूत आसानी से पेश किया जा सकता है। पीड़ित को फिर भी शिकायत की पूरी प्रक्रिया अपनानी चाहिए और मौखिक शिकायत के भरोसे ही नहीं बैठना चाहिए।

आरबीआई के नियमों के अनुसार, सभी बैंकों को एटीएम परिसर में संपर्क अधिकारियों के फोन नंबर, नाम, हेल्पडेस्क नंबर और बैंक के टोल फ्री नंबर की जानकारी चस्पा करना अनिवार्य है। एटीएम में शिकायत का रजिस्टर और बॉक्स भी होना चाहिए।

बैंक खुदबखुद लौटा देता है पैसा
सामान्यतया एटीएम से नकद निकासी न होने पर पैसा खुदबखुद कुछ घंटों में बैंक खाते में आ जाता है। लेकिन कई बार ऐसा नहीं होता है, ऐसे में हमें मौखिक शिकायत के भरोसे नहीं रहना चाहिए। नियमत: ग्राहकों को एटीएम ट्रांजैक्शन फेल होने के 30 दिन में शिकायत दर्ज करानी होती है और उसके सात दिन में उसे पैसा वापस करना जरूरी है। अगर बैंक समय पर धनराशि नहीं लौटाता है तो पीड़ित उस राशि पर ब्याज का भी हकदार होता है।

लगानी होगी इनकी कॉपी
पैसा निकालते समय अगर स्लिप नहीं निकली है तो बैंक स्टेटमेंट की फोटोकॉपी लगानी होगी। आपको उस बैंक से संपर्क साधना है, जहां आपका खा है। बैंक के कस्टमरकेयर नंबर पर कॉल करके या वेबसाइट पर लिखित शिकायत कर सकते हैं। एटीएम से पैसा न निकले तो 30 दिन में शिकायत करनी होगी।

स्लिप रखें संभालकर
एटीएम से पैसा नहीं निकला है तो स्लिप संभाल कर रखें। स्लिप में एटीएम की आईडी, लोकेशन, पैसा निकालने का समय और अन्य जरूरी जानकारी दर्ज होती है। आप सीधे बैंक की शाखा जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। .

दर्ज करें शिकायत
शिकायत दर्ज होने के बाद बैंक से आपको कॉल आ सकती है। अमूमन शिकायत के सात दिन में पैसा आ जाता है। ऐसा न हो तो आप बैंक मैनेजर से संपर्क करें और उससे से भी मुद्दा हल न हो तो बैंकिंग लोकपाल से गुहार लगाएं।

आरबीआई में भी कर सकते हैं शिकायत
आरबीआई में शिकायत करना भी विकल्प हो सकता है, जब अन्य सारे प्रयास फेल हो जाएं। उपभोक्ता फोरम में भी गुहार लगाई जा सकती है, जहां इस दौरान आपको हुई देरी के लिए मुआवजा भी मिल सकता है।