November 10, 2024

धनतेरस पर मां लक्ष्मी आएंगी आपके द्वार, इन बातों को न करें नजरअंदाज

नई दिल्ली    
धन की देवी मां लक्ष्मी और धन के देवता धनवंतरि को प्रसन्न करने के लिए यह अति उत्तम दिन है। आइए, जानते हैं कि परिवार में संपन्नता और समृद्धि को आमंत्रित करने के लिए इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

दीपों के पर्व दीपावली में कुछ ही दिन शेष हैं हिन्दुओं के इस सबसे बडे़ त्यौहार की शुरुआत धनतेरस से ही हो जाती है। ज्यादातर लोग धनतेरस के बारे में इतना ही जानते हैं कि इस दिन बर्तन और सोने-चांदी का सामान इत्यादि खरीदना शुभ होता है लेकिन यह तो अर्धसत्य है। धनतेरस का महत्व इतना ही नहीं है। धन की देवी मां लक्ष्मी और धन के देवता धनवंतरि को प्रसन्न करने के लिए यह अति उत्तम दिन है। आइए, जानते हैं कि परिवार में संपन्नता और समृद्धि को आमंत्रित करने के लिए इस दिन क्या करना चाहिए और किन बातों से बचना चाहिए।

माना जाता है कि समुद्र मंथन के समय देव धनवंतरि चौदह रत्नों के साथ समुद्र से निकले थे और तब उनके हाथ में कलश था। इसी वजह से धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा चल निकली। अपनी सामथ्र्य के अनुसार, लोग इस दिन स्टील, तांबे, कांसे, पीतल आदि किसी भी धातु के बने बर्तन खरीदते हैं।

इस दिन चांदी की खरीदारी भी कर सकते हैं। चांदी चंद्रमा का प्रतीक है और चंद्रमा जीवन में शीतलता, सुख-शांति व स्वास्थ्य का प्रतीक है। लोग इस दिन चांदी के सिक्के भी खरीदते हैं। दीपावली पूजन के बाद इस सिक्के को तिजोरी या पैसे रखने के स्थान पर रखना चाहिए।

बहुत से लोग पूजन के लिए लक्ष्मी-गणेश की चांदी से बनी मूर्तियां खरीदते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। इसके स्थान पर मिट्टी से बनी मूर्तियां लें। मूर्ति खरीदते समय ध्यान रखें कि गणेश जी की मूर्ति की सूंड दाहिनी ओर हो। अगर महंगी धातु खरीदने का मन है तो मूर्तियों के बजाय लक्ष्मी-गणेश अंकित चांदी का सिक्का खरीदें और उसे दीपावली पूजन के लिए इस्तेमाल करें।

पूजा के लिए इस्तेमाल होने वाले बड़े दीपक,रूई की बत्तियों, देसी घी, तिल या सरसों का तेल, चंदन, हल्दी पाउडर, कुमकुम और अक्षत के लिए इस्तेमाल होने वाले चावल और पूजा के लिए इस्तेमाल होने वाली मिठाइयों की खरीदारी भी धनतेरस के दिन करें।

चूंकि धनवंतरि चिकित्सा और सेहत के देवता हैं, तो इस दिन अगर आप चिकित्सा के पेशे से जुड़े हैं, तो किसी चिकित्सकीय यंत्र की खरीदारी कर सकते हैं।  

धनतेरस पर घर और ऑफिस की अच्छी तरह सफाई करें और उसे सजायें। घर में मनपसंद रंग से दिशा विशेष में वास्तुसम्मत आकार की रंगोली बनायें।

धनतेरस की रात को बेडरूम के कोने में मां लक्ष्मी की तस्वीर और यंत्र को लकड़ी के पटरे पर रखें। फिर दीपक जलाकर मां लक्ष्मी की पूजा करें। धनतेरस के दिन कुबेर की धूप दीप से पूजा न करें क्योंकि यक्ष की धूप दीप से पूजा नहीं की जाती है। धनतेरस से लेकर भैया दूज तक निरंतर माता लक्ष्मी की आराधना करते रहने से आपके घर में सुख-समृद्धि का आगमन होगा।

धनतेरस के दिन शुभफल प्राप्ति के लिए उत्तर-पूर्व दिशा में पूजा करके आप बृहस्पति को मजबूत करने के साथ-साथ इस दिशा के वास्तु दोषों को दूर भी कर सकते हैं। घर के सभी कमरों से उत्तर-पूर्व दिशा में रखे फालतू सामान हटायें। धनतेरस के दिन पीपल के पौधे में पानी दें।