प्लास्टिक फ्री दिवाली मनाने के टिप्स

दिवाली का इतना बड़ा त्योहार हो और घर में सजावट न हो, यह तो हो ही नहीं सकता। हालांकि समय के साथ इसका अंदाज बहुत बदल गया है। पहले लोग जहां अपने घरों की दीवारों पर पिसे हुए चावल और गेरू से तरह-तरह की आकृतियां बनाते थे और बीच-बीच में दीयों से रोशनी करते थे, वहीं आज डिजाइनर कैंडल्स, लाइटिंग, बंदनवार, तोरण, कंदील, शीशे मोतियों से सजे दीये और ऐसी ही ढेरों चीजें दीवाली की रोशनी में झिलमिलाहट पैदा कर देती हैं। साथ में फूलों की सजावट फेस्टिव माहौल को महका भी देती है। इस बार मार्केट प्लास्टिक-फ्री डेकोरेटिव आइटम्स की भरमार जिससे आप भी मना सकते हैं ईको-फ्रेंडली दिवाली…

मिट्टी का विंड चाइम, कपड़े की लड़ियांदिवाली पर अब तक आप प्लास्टिक की लड़ियां और प्लास्टिक के फूलों का इस्तेमाल करते आए होंगे, लेकिन अब दिवाली मार्केट में प्लास्टिक की लड़ियों की जगह लेने के लिए कई तरह के ऑप्शन मिल रहे हैं। इनमें सबसे पहला है टेराकोटा यानी मिट्टी से बने विंड चाइम्स। मिट्टी के विंड चाइम्स 400 से लेकर 650 रुपये तक में मिल जाते हैं। इसके अलावा मिट्टी के बने बंदरवार भी लोगों की पसंद बन रहे हैं। इसकी कीमत लगभग 500 रुपये है। प्लास्टिक के फूलों से बचते हुए कई लोग कपड़े और कागज के फूल से बनी लड़ियां भी खरीद रहे हैं। कपड़े की लड़ियां जिसमें शीशे का काम हुआ है, एक अच्छे विकल्प के रूप में उपलब्ध है। यह आपको 200 रुपये प्रति 10 लड़ियों के हिसाब से मिल रही हैं। इसके अलावा पेपर क्राफ्ट से बने हैंड मेड झालर और पेपर के डेकोरेटिव आइटम्स, जैसे कि पेपर हैंगर्स और वुडन लैंप भी मार्केट में मिल रहे हैं, जिन्हें लोग घर सजाने के लिए पसंद कर रहे हैं।

बदले अंदाज में मिट्टी के दीये
अब तक एक ही रंग में बस हल्के-फुल्के डिजाइन में मिट्टी के दीये आपने भले देखे हों, लेकिन इस बार इनका रूप-रंग भी कुछ बदला-बदला नजर आ रहा है। वहीं दूसरी ओर ये काफी किफायती भी हैं। वहीं इसके साथ ही मोमबत्तियां भी कई नए-नए डिजाइन में मार्केट में उपलब्ध हैं। 80 रुपये में एक दर्जन दीये बेचने वाले भगीरथ पैलेस के गुलफाम बताते हैं, ‘मेरे पास 10 रुपये से लेकर 110 रुपये की मोमबत्तियां उपलब्ध हैं। 10 रुपये की सिंपल मोमबत्ती है, जबकि 80 रुपये की शीशे में रखी हुई मोमबत्तियां हैं। इसमें कई सारी वैरायटीज हैं। 80 रुपये से लेकर 110 रुपये के इस वेरियंट में फ्लोटिंग दीया भी उपलब्ध हैं जिसकी कीमत 75-80 रुपये प्रति पैकेट हैं। इसके अलावा मेटल लैंप को भी ग्राहक पसंद कर रहे हैं।

रंगो की नहीं, फूलों की रंगोली
दिवाली सजावट में रंगोली की भी खास जगह है। लेकिन चूंकि रंगोली वाले रंग कैमिकल के बने होते हैं, ऐसे में मार्केट में ऑर्गेनिक रंग भी रंगोली के लिए मिल रहे हैं। कई लोग फूलों से रंगोली बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं। लक्ष्मी नगर में रहने वाले प्रवीन कहते हैं, 'कैमिकल वाले रंग स्किन को नुकसान पहुंचाते हैं और पर्यावरण के लिए भी ठीक नहीं रहते। ऐसे में मैंने सोचा है कि क्यों न इस बार असली रंग-बिरंगे फूलों से रंगोली सजाऊं।' वहीं मार्केट में रंगोली के लिए हर्बल रंगो के अलावा रंगोली वाले पोस्टर भी चलन में हैं, जो कागज के बने होते हैं।

ग्रीन स्काई शॉट्स और कंडील
अब तक आपने पढ़ा होगा कि मार्केट में ग्रीन पटाखे मिल रहे हैं। लेकिन ताजा अपडेट यह है कि अब ग्रीन पटाखों में स्काई शॉट्स भी आ गए हैं, जिसका दाम 400 रुपये है। इन पटाखों के ऊपर क्यूआर कोड लगा हुआ है जिसे आप स्कैन करके पता लगा सकते हैं कि वह सच में ग्रीन पटाखा है या नहीं। अगर आप पटाखों के बिना दिवाली मनाना चाहते हैं, तो स्काई कंडील अच्छा विकल्प है जिसमें रोशनी जलाकर हवा में उड़ा सकते हैं। जागरुक हुए कई पैरंट्स अपने बच्चों के लिए कंडील ही खरीद रहे हैं। वैसे भी आकाश में उड़ती रंग-बिरंगी कंडीलों का नजारा देखते ही बनता है।

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