दर्द निवारक दवाएं करेंगी अवसाद का उपचार, जानें कैसे
एक शोध में पता चला है कि एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक दवाएं अवसाद को प्रभावी ढंग से खत्म कर सकती हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे इब्रुप्रोफेन और ए्प्रिरन दवाओं से अवसाद का उपचार करना संभव है।
ये दवाएं अवसादरोधी दवाओं की तुलना में सुरक्षित विकल्प हो सकती हैं। शोध में वैज्ञानिकों ने एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं का अवसाद के लक्षणों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताया।
शोध में पाया गया कि इबुप्रोफेन और ए्प्रिरन जैसी दर्द निवारक दवा के अलावा स्टेटिन और मछली के तेल में पाया जाने वाला ओमेगा -3 भी अवसाद के मुख्य लक्षणों को रोक सकता है। लेकिन कई बार जरूरत से ज्यादा पेन किलर्स का सेवन आपको बीमार भी बना सकता है। आइए जानते हैं अधिक पेन किलर्स का सेवन करने से शरीर को होते हैं क्या नुकसान।
पेन किलर्स के साइड इफेक्ट्स
पेन किलर्स के ज़्यादा प्रयोग से सीने में जलन, पेट दर्द, खट्टी डकारें और उलटी आने की समस्याएं होने लगती हैं।
लिवर में सूजन
अनेक मरीजों दर्द निवारक दवाओं के अधिक प्रयोग के कारण लिवर की सेल्स टूटने लगते हैं और भूख भी कम होने लगती है।
किडनी की समस्याएं
दर्द निवारक दवाओं का अधिक प्रयोग से किडनी पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इसका सेवन अधिक करने से किडनी की सेल्स डैमेज हो जाते हैं और वो ठीक से काम नहीं कर पाती हैं।