November 22, 2024

कम नींद लेने से महिलाओं की हड्डियों पर असर, जानें कितना सोना है जरूरी

महिलाओं का बहुत कम नींद लेना या नींद की कमी ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे से जुड़ा है। यानी महिलाओं की उनकी हड्डियों का घनत्व (बीएमडी) कम होने लगता है। इससे हड्डी कमजोर होने व उसके टूटने का खतरा बढ़ जाता है। जोड़ो में लगातार दर्द बना रहता है। इसके अलावा खून में एस्ट्रोजन की कमी होने लगती है। ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी का खतरा महिलाओं में पुरुषों की तुलना में ज्यादा होता है।

अमेरिका में बफेलो विवि और अध्ययन के प्रमुख लेखक हीथर ओक्स-बालकोम ने कहा कि नींद की कमी हड्डी के स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है, जो कि खराब नींद के नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों की सूची में शामिल है। इस अध्ययन में 11,084 पोस्टमेनोपॉजल महिलाओं को शामिल किया गया, जिसमें जिन महिलाओं ने प्रति रात 5 घंटे या उससे कम सोने की सूचना दी थी, उनकी तुलना उन महिलाओं से की गई जिन्होंने प्रति रात 7 से घंटे 8 घंटे की नींद ली थी।

ये रहे परिणाम
इसके बाद उनका आंकलन किया गया, जिसमें कम सोने वाली महिलाओं के चार साइटों पर बीएमडी कम देखा गया। इसमें पूरे शरीर, कूल्हे, गर्दन और रीढ़ की हड्डी शामिल थी। रोजाना 5 घंटे या उससे कम सोने वाली महिलाओं में लो बोन मास और कूल्हे की हड्डियों की कमजोरी व ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा 22% और 63% होता है। इसी तरह के परिणाम रीढ़ के साथ देखे गए थे। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए रोज कम से कम 7 घंटे की नींद जरूरी है।

मानसिक बीमारी का भी खतरा
देर रात तक जागने और जरूरत से कम नींद लेने के कारण लोगों में मानसिक बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। न्यू हेल्थ एडवाइजर में छपी रिपोर्ट के अनुसार 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को रोजाना रात में अपनी कुल नींद का लगभग 20% हिस्सा गहरी नींद लेना चाहिए। वयस्कों के लिए कम से 2 घंटे की गहरी नींद बेहद जरूरी है। दरअसल हमारा शरीर एक प्रकार की मशीन है, जिसके लिए लगातार काम करना संभव नहीं है। नींद के द्वारा शरीर की मांसपेशियां रिचार्ज होती हैं।

नेचर ह्यूमन बिहैवियर नाम के जर्नल में छपे शोध के मुताबिक गहरी नींद आपको हर तरह के तनाव से छुटकारा दिलाने में बहुत कारगर है। रिसर्च के अनुसार अगर आप रात में ठीक ढंग से नहीं सो पाते हैं, तो आपके तनाव की समस्या 30% तक बढ़ सकती है। आप जितना ज्यादा गहरी नींद सोएंगे, उतना ही आपका मस्तिष्क स्वस्थ रहेगा। ये रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के साइकोलॉजी (न्यूरोसाइंस) विभाग के प्रोफेसर मैथ्यू वॉकर ने लिखा है।

फालतू की बातें भुलाने में मदद करती है नींद
'साइंस' पत्रिका में छपी रिपोर्ट के मुताबिक रात में गहरी नींद लेने से दिनभर में हुई अनावश्यक बातों और घटनाओं को भुलाने में मदद मिलती है। दिमाग के लिए जो चीजें फालतू होती हैं, नींद के दौरान मस्तिष्क उन्हें हटा देता है। अगले दिन सोकर उठने के बाद आपके पास सिर्फ उन्हीं जानकारियों और चीजों की याद बचती है, जो आपके लिए जरूरी होती हैं।

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