यूजर्स के चेहरे को स्कैन करेगा फेसबुक!
Facebook अब यूजर्स की पहचान चेहरे से करेगा। ऐप रिवर्स इंजिनियर जेन मॉनचन वॉन्ग की एक रिपोर्ट की मानें तो यूजर्स की प्रिवेसी और सिक्यॉरिटी को ठोस बनाने के लिए फेसबुक फेशल रेकग्निशन सिस्टम को डिवेलप करने में जुटा है। इस टेक्नॉलजी के जरिए फेसबुक यूजर द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अकाउंट को वेरिफाइ करेगा वह यूजर असली है या नकली।
फेक प्रोफाइल की बढ़ रही है संख्या
फेसबुक काफी समय से फेक प्रोफाइल्स को अपने प्लैटफॉर्मस के हटाने की कोशिश कर रहा है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें किसी यूजर के डीटेल और फोटो डालकर कोई और यूजर उस प्रोफाइल को ऑपरेट करता है। अभी इस समस्या को ऐल्गोरिद्मिक फिल्टरिंग और मैन्युअल यूजर रिपोर्ट के जरिए सुलझाया जाता है। हालांकि, इसके बावजूद भी फेक प्रोफाइल्स की संख्या में खास कमी नहीं आ रही। फेक प्रोफाइल का सबसे ज्यादा शिकार सिलेब्रिटीज होते हैं।
मोबाइल ऐप के लिए तैयार कर रहा फीचर
फेक प्रोफाइल वाली समस्या को खत्म करने के लिए फेसबुक अपने मोबाइल ऐप के लिए फेशल रेकग्निशन सिस्टम डिवेलप कर रहा है। यह सिस्टम यूजर के चेहरे को स्कैन कर पता लगा लेगा कि आपके द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला अकाउंट आपका है या किसी और का। वॉन्ग लंबे समय से फेसबुक फीचर पर रिसर्च करती आ रही हैं और इसमें आने वाले इस फीचर का पता उन्हें फेसबुक ऐप के एक कोड को समझने के बाद चला।
विडियो सेल्फी होगी रेकॉर्ड
फेसबुक यूजर की पहचान करने के लिए चेहरे को अच्छे से स्कैन करेगा। बताया जा रहा है कि फीचर के रोलआउट होने के बाद फेसबुक यूजर्स से एक सेल्फी विडियो रिकॉर्ड करने को कहेगा जिसमें उन्हें हर तरफ देखना होगा। फेसबुक इसके जरिए यूजर के चेहरे को हर तरफ से स्कैन कर वेरिफाइ करेगा की वह उस अकाउंट का सही यूजर है या फेक। वॉन्ग ने बताया कि यह प्रक्रिया काफी हद तक ऐपल के फेस आईडी से मिलती है। हालांकि, इसमें यूजर्स की सिक्यॉरिटी की पूरी गारंटी नहीं दी जा सकती क्योंकि स्कैन किया हुआ सारा डेटा फेसबुक के सर्वर पर जाएगा।
30 दिन के अंदर डिलीट करेगा डेटा
फेसबुक सर्वर पर डेटा स्टोर होने को लेकर फेसबुक का कहना है कि वह इसे 30 दिनों के अंदर डिलीट कर दिया करेगा। यह इस बात को भी पक्का करेगा कि कोई इसे कभी ऐक्सेस नहीं कर सकेगा। कंपनी ने अपने इस टेस्ट के बारे में एनगैजेट को बताया कि इस सिस्टम को मोशल डिटेक्ट करने के लिए डिवेलप कर रही है ताकि पता लगाया जा सके कि अकाउंट इंसान द्वारा इस्तेमाल हो रहा या किसी बॉट द्वारा। फीचर को कब तक रिलीज किया जाएगा इस बारे में अभी पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता।