किचन का मसाला असली है या नकली, घर में ही यूं करें शुद्धता की पहचान
दिल्ली में नकली और मिलावटी जीरा बनाने की फैक्ट्री का खुलासा होने के बाद अब लोग इस बात को लेकर परेशान हो गए हैं कि कहीं उनके किचन में इस्तेमाल हो रहे मसाले भी मिलावटी तो नहीं हैं। आपने भी अपने शहर में देखा होगा कि बड़ी संख्या में दुकानदार खुले में रखकर हल्दी पाउडर, जीरा, गर्म मसाला, सब्जी मसाला, मिर्च पाउडर आदि मसालों की ब्रिकी करते हैं। अधिक मुनाफा लेने के चक्कर में मसाले और दूसरे खाद्य पदार्थों में भी जमकर मिलावट की जा रही है।
खुले में रखे मसालों में पड़ती रहती है धूल
फूड ऐंड सप्लाई विभाग के अधिकारियों के मुताबिक खुले में रखकर बेचा जा रहा मसाला नहीं खरीदना चाहिए क्योंकि, खुले में रखे मसालों में मिट्टी के धूल कण पड़ते हैं। धूल मिट्टी के कण मसालों के साथ भोजन में मिश्रण होकर शरीर में जाता है जो कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है।
खड़े मसाले का करें इस्तेमाल
जानकारों का कहना है कि बाजार से खड़ा मसाला खरीदकर उसका पाउडर बनाकर सब्जी में इस्तेमाल करना चाहिए। महिलाओं का कहना है कि जब वह बाजार में खुले मसाले या पैकिंग वाले मसाले से सब्जी बनाती हैं तो सब्जी का स्वाद सही नहीं रहता है। बाजार से जब खड़ा मसाला खरीदकर उससे सब्जी बनाती हैं तो उसका स्वाद अच्छा रहता है।
लोकल कंपनी के सस्ते मसाले न खरीदें
खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी एनडी शर्मा कहते हैं, लोगों को खुद ही चाहिए कि वे लोकल कंपनी का मसाला न खरीदें, बेशक दुकानदार सस्ते में ही क्यों न दे रहा हो। लोकल कंपनी के पैकिंग वाले मसाले का बिल्कुल ही प्रयोग न करें। खुले हुए मसाले से खुशबू न मिल रही हो और अगर मसाले गहरे रंग वाले हों तो ऐसे मसालों का प्रयोग कतई न करें। हो सके तो खड़े मसाले का ही इस्तेमाल करें। लोगों को चाहिए कि मिलावट मसाले की बिक्री की सूचना विभाग को देने में मदद करें।