वित्त ने बदला सिस्टम, हजारों कर्मचारी प्रभावित, अटकेगा वेतन

भोपाल
प्रदेश में पदनाम के समान वेतन वाले समकक्ष पदों पर पोस्टिंग कराने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों का वेतन अब नहीं निकलेगा। वित्त विभाग के साफ्टवेयर आईएफएमआईएस ने अब सिर्फ मूल पद नाम के आधार पर ही वेतन आहरण को मंजूरी देना शुरू कर दिया है। इसका नतीजा यह है कि प्रदेश भर में विभिन्न विभागों के  ऐसे हजारों कर्मचारियों व अधिकारियों का वेतन अटक गया है जो समकक्ष पद पर पोस्टिंग कराकर वेतन लेते रहे हैं। इन हालातों में कई विभाग प्रमुखों ने अब कर्मचारियों को वहीं पदस्थ करने का फैसला किया है जहां जिस पदनाम का पद रिक्त है।

अब तक होता यह रहा है कि अलग-अलग विभागों के समान वेतनमान वाले पदों पर कर्मचारियों व अधिकारियों की पदस्थापना करके विभाग वेतन आहरित करते रहे हैं। मसलन जल संसाधन विभाग में अगर अमीन के पद पर पदस्थ कर्मचारी का वेतन अगर सहायक ग्रेड तीन या भृत्य के पद के समकक्ष है तो विभाग के अधिकारी जरूरत के हिसाब से पोस्टिंग कर देते थे और समकक्ष पद के नाम पर वेतनमान निकाल लिया जाता था लेकिन अब अगर संबंधित दफ्तर में वही पद रिक्त नहीं है जिस पद पर समकक्ष वेतनमान वाला कर्मचारी काम कर रहा है तो उसका वेतन नहीं निकलेगा।

जल संसाधन विभाग में भी वित्त विभाग की इस नई व्यवस्था के चलते हजारों कर्मचारी प्रभावित हुए हैं और विभाग के प्रमुख अभियंता ने समकक्ष वेतनमान की पोस्टिंग वाले कर्मचारियों को मूल पदनाम वाले पदों पर ही पोस्ट करने के आदेश जारी किए हैं। इसी तरह की स्थिति अन्य विभागों के मामले में भी है।

वित्त विभाग ने जनवरी और फरवरी में इसको लेकर दो अलग-अलग पत्र विभागों को लिखे हैं। कोषालय डाटाबेस में पद प्रविष्टि की प्रक्रिया पूरी करने के लिए दिए निर्देश में कहा गया है कि स्वीकृत पद के विरुद्ध अधिक संख्या में काम कर रहे कर्मचारियों का वेतन मूल पद के अलावा निकालना संभव नहीं होगा। इसलिए ऐसे कर्मचारियों की पदस्थापना रिक्त पदों पर की जाए जो उनका मूल पद है। वित्त विभाग का यह नियम पुराना है लेकिन विभाग इसे मान नहीं रहे थे, इसलिए अब इसमें सख्ती शुरू की गई है।

इस मामले में सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि कर्मचारियों और अधिकारियों के रिटायरमेंट के बाद सेटअप बिगड़ने की स्थिति बन सकती है। इसकी वजह पांच साल से पदोन्नति में आरक्षण विवाद के चलते प्रमोशन नहीं हो पाना है। ऐसे में जो अधिकारी कर्मचारी रिटायर होते जा रहे हैं उनके प्रमोशन से भरे जाने वाले पदों पर कोई पदस्थ नहीं किया जा सकेगा क्योंकि प्रमोशन नहीं हो रहे हैं। ऐसे में ये पद भरे नहीं जा सकेंगे और इन हालातों में पदों के रिक्त रहने से आने वाले सालों में प्रशासनिक ढांचा प्रभावित होना तय माना जा रहा है। सरकार सभी विभागों में नई नियुक्तियां भी नहीं कर पा रही है, इसका असर भी पड़ेगा।