देश में नवंबर में पीक पर होगी तीसरी लहर-विशेषज्ञ
नई दिल्ली
देश में कोरोना संक्रमण के आंकड़े भले ही कम निकल रहे हैं लेकिन केरल में अभी भी रोज 20 हजार के करीब नए कोरोना केस मिल रहे हैं और ऐसे में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का खतरा देश में बना हुआ है। इसी के आधार पर वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि देश में अक्टूबर से नवंबर के बीच कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप चरम पर हो सकता है।
बीते 24 घंटे में कोरोना का हाल
केरल में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 19,622 नए मामले सामने आए हैं और 132 मौतें हुई है। इसके अलावा देशभर में कोरोना संक्रमण के कुल नए केस 30,941 सामने आए। इस दौरान 36,275 रिकवरी हुई और 350 लोगों की कोरोना से मौत हुई। फिलहाल देश में अभी सक्रिय मामले 3,70,640 है और जब से कोरोना महामारी शुरू हई है, तब से अभी तक 4,38,560 लोगों की मौत कोविड-19 से हुई है और अभी तक देश में 64,05,28,644 लोगों को वैक्सीन लग चुकी है।
देश में पिछले घंटों में हुई मौतों की बात करें तो सोमवार को सामने आए आंकड़ों के मुताबिक, कुल 380 लोगों की मौत हुई थी। वहीं, मंगलवार को मौतों का आंकड़ा गिरकर 350 हो गया। केरल में बीते दिन 132 लोगों की कोरोना से मृत्यु हुई थी। वहीं, केरल में कोरोना का ताजा अपडेट सामने आते ही कयास लगाए जा चुके थे कि अगले दिन जारी होने वाले देश के कुल मामलों में भी भारी बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी, और वही हुआ। केरल में 2,09,493 सक्रिय केस हैं।…और अब तक वहां 20,673 लोगों की मौत हो चुकी है।
केरल में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 15 से 19% पहुंचा
केंद्र सरकार के एक अधिकारी का कहना है कि केरल में संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा तीन दिन पहले केरल में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 15 प्रतिशत था जो अब 19 प्रतिशत हो चुका है। उन्होंने कहा लॉकडाउन लगने से संक्रमण के फैलाव की चेन टूट जाएगी जैसे दिल्ली में हुआ था। उन्होंने आगे कहा कि अगर केरल में लॉकडाउन लगता है तो वहां एक पखवाड़े के अंदर हालात सुधर जाएंगे।
तीसरी लहर में 60 लाख केस का अनुमान
तीसरी लहर के दौरान पूरे राज्य में 60 लाख तक केस आने का अनुमान लगाया जा रहा है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार 12 फीसदी संक्रमित लोगों को ऑक्सिजन की जरूरत को ध्यान में रखते हुए तीसरी लहर की योजना बना रही है। इसकी उपलब्धता क्षमता को बढ़ाकर 2,000 मीट्रिक टन कर दिया गया है।