हारमोनियम पर डा. शिल्पा मसूरकर ने इंदौर से दी शास्त्रीय गायन की प्रस्तुत

रायपुर
पंडित गुणवंत माधवलाल व्यास स्मृति संस्थान की 72 वी संगीत सभा में 12 दिसंबर को सुबह 10 बजे से फेसबुक पर रायपुर, इंदौर की युवा गायिका डा. शिल्पा मसूरकर ने शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति दी। ग्वालियर घराने के प्रसिद्ध गुरु पंडित सुनील मसूरकर की पुत्री एवं सुयोग्य शिष्या डा. शिल्पा ने गायन की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता पंडित सुनील मसूरकर से प्राप्त की। इसके बाद इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय से कोविद तथा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से एमए व पीएचडी की उपाधि प्राप्त डा. शिल्पा ने अपने गायन कार्यक्रम की शुरूआत पंडित रामरंग द्वारा रचित राग-बिलसखानी तोड़ी, ताल-विलंबित एकताल में निबद्ध बड़े ख्याल की बंदिश-धन धन भाग तेरो री माई से की। इसके बाद उन्होंने क्रमश: मध्यलय तीनताल में निबद्ध बंदिश-जगदंबिका अम्बिका, की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के समापन में डा. शिल्पा ने राग मिश्र पहाड़ी की ग्वालियर घराने की पारंपरिक ठुमरी-सावन की ऋतु आई री सजनिया, गाकर श्रोताओं को मुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम को फेसबुक पर इंदौर से लाइव किया गया।

कार्यक्रम में हारमोनियम पर इंदौर के प्रतिष्ठित कलाकार पंडित रवि किल्लेदार ने व तबले पर मृणाल नागर ने सधि हुई संगत की। इस कार्यक्रम को संस्था के-गुनरस पिया संगीत सभा ग्रुप से श्रोताओं के लिए फेसबुक पर लाइव किया गया। श्रोताओं ने खूब लाइक किया और उनके कार्यक्रम में लगातार दाद दी। गुनरस पिया की सभा में अब तक देश-विदेश के गुणी कलाकारों ने गायन, तबला-वादन, सितार-सरोद-सारंगी-संतूर वादन की प्रस्तुतियां दीं। युवा एवं नवोदित कलाकारों को रविवासरीय संगीत सभा के माध्यम से जन जन तक पहुचाने का कार्य संस्था द्वारा अनवरत जारी है।
गुनरस पिया फाउंडेशन द्वारा कोरोना काल में देश-विदेश के कलाकारों को फेसबुक के माध्यम से कार्यक्रम प्रस्तुति के लिए अवसर दिया जा रहा है। गुनरस पिया फाउंडेशन शास्त्रीय संगीत के संरक्षण एवं प्रचार प्रसार के लिए लगातार कार्य कर रहा है।कार्यक्रम के संयोजक दीपक व्यास ने यह जानकारी दी।