पैगंबर पर टिप्पणी पड़ेगी भारी! इस्लामिक देशों में बढ़ता जा रहा विरोध, दोस्त देश ने भी दी नसीहत

नई दिल्ली
बीजेपी से निलंबित नेता नुपूर शर्मा और निष्कासित नवीन कुमार जिंदगी की पैगंबर पर की गई टिप्पणी ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को असहज स्थिति में ला दिया है और मुस्लिम देशों में भारत का विरोध धीरे धीरे बढ़ने लगा है। अभी तक एक दर्जन से ज्यादा इस्लामिक देश भारत के सामने पूर्व बीजेपी नेताओं की टिप्पणी पर आपत्ति जता चुके हैं और निंदा कर चुके हैं। वहीं, निंदा करने वाले मुस्लिम देशों की संख्या बढ़ती जा रही है।
इस्लामिक देशों में बढ़ता विरोध
इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद की टिप्पणी को लेकर अभी तक करीब एक दर्जन इस्लामिक देश अपना विरोध जता चुके हैं। जिनमें संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, ओमान, अफगानिस्तान, बहरीन, इंडोनेशिया, ईरान, पाकिस्तान, कतर और मालदीव शामिल हैं। इन देशों ने बकायदा भारत सरकार से माफी की मांग की है और विवादित टिप्पणी को लेकर भारत की आलोचना की है।
वहीं, खाड़ी देशों में भारत के खिलाफ बढ़ते विरोध के बाद खाड़ी देशों की सरकारों ने भारत के दूतों को समन किया और पूर्व बीजेपी नेताओं के बयान पर सफाई मांगी है। वहीं, भारत सरकार ने साफ कर दिया है, कि ये बयान सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि, बीजेपी नेताओं के आपत्तिजनक ट्वीट और टिप्पणियां "किसी भी तरह से, सरकार के विचारों को नहीं दर्शाती हैं। ये असामाजिक तत्वों के विचार हैं"।
दोस्त देश ने दी नसीहत
भारत के दोस्त देश संयुक्त अरब अमीरात ने भी पूर्व बीजेपी नेताओं के बयान की आलोचना की है और भारत को नसीहत दी है, कि जो व्यवहार, नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों के खिलाफ है, संयुक्त अरब अमीरात उसे खारिज करता है। संयुक्त अरब अमीरात के विदेश विभाग ने बकायदा एक बयान जारी कर भारत की निंदा पूर्व बीजेपी नेताओं के बयान के लिए की है। इसके साथ ही संयुक्त अरब अमीरात ने कहा है कि, सभी धार्मिक प्रतीकों का सम्मान किया जाना चाहिए और नफरत भरे बयानों को पूरी तरह से खारिज किया जाना चाहिए। यूएई ने पूर्व बीजेपी नेताओं की निंदा करते हुए जो बयान जारी किया है, उसमें कहा गया है कि, ऐसे बयान देने से बचना चाहिए, जिनमें किसी धर्म और धर्म के अनुयायियों की भावनाएं आहत होती हों।
इंडोनेशिया-मालदीव ने भी की निंदा एक और मुस्लिम देश इंडोनेशिया, जहां विश्व की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है और जो भारत के दोस्त देशों में से एक है, उसने भी पूर्व बीजेपी नेताओं के बयान पर गहरी आपत्ति दर्ज कराई है। इंडोनेशिया ने पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी नेताओं की टिप्पणी को अस्वीकार्य बताया है। इंडोनेशिया विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि, भारतीय दूत को समन कर इस बाबत जानकारी दी गई है। वहीं, भारत के करीबी दोस्त देशों में शामिल मालदीव को भी आखिरकार भारत के खिलाफ बयान जारी करना पड़ा है।
मालदीव की मौजूदा सरकार भारत समर्थक सरकार है, लिहाजा उसने अभी तक भारत की आलोचना नहीं की थी, लेकिन देश में विपक्षी नेताओं के आक्रामक रूख और संसद में पेश प्रस्ताव के बाद भारत की निंदा की है। हालांकि, मावदीव की सरकार ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई के लिए मोदी सरकार की तारीफ भी की है। पड़ोसी बांग्लादेश रहा शांत भारत के एक पड़ोसी देश पाकिस्तान जहां इस विवाद को तूल देने में लगा हुआ है, वहीं बांग्लादेश अभी तक इस विवाद पर शांत ही रहा है। बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
पिछले साल जब बांग्लादेश में दूर्गा पूजा के दौरान मंदिरों में हिंसा की गई थी, उस वक्त कड़ी प्रतिक्रिया देने वाली बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इराक और मलेशिया भी अब तक चुप वहीं, सबसे आश्चर्य की बात मलेशिया का अब तक चुप रहना है। क्योंकि, मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद भारत विरोधी बयान के लिए जाने जाते हैं और मलेशिया के कई नेता अकसर भारत विरोधी बयानबाजी करते रहते हैं। लेकिन अभी तक मलेशिया की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। वहीं, इराक भी इस मुद्दे पर अभी तक खामोश है।
जॉर्डन ने भी की निंदा
जॉर्डन किंगडम ने भी अब बर्खास्त बीजेपी नेताओं द्वारा की गई अमर्यादित टिप्पणी की निंदा की है। मंत्रालय के प्रवक्ता राजदूत हैथम अबू अल्फौल ने जॉर्डन के इस तरह के बयानों की निंदा करने और इस्लामी और अन्य धार्मिक हस्तियों के खिलाफ उल्लंघन की दृढ़ता से अस्वीकृति पर जोर दिया।
कतर और कुवैत में भी नाराजगी
वहीं, कतर और कुवैत ने यहां तक कहा कि वे भारत से सार्वजनिक रूप से माफी की उम्मीद करते हैं। जिसके बाद भारत सरकार को बयान जारी करना पड़ा कि, कुछ असामाजिक तत्वों की टिप्पणियां भारत सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं। नई दिल्ली में कतर दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मोदी सरकार को सार्वजनिक रूप से ऐसी टिप्पणियों से खुद को दूर करना चाहिए। रॉयटर्स ने अधिकारी के हवाले से कहा, "हमारी धार्मिक भावनाओं को आहत करने से आर्थिक संबंधों पर सीधा असर पड़ सकता है।"
क्या बोला सऊदी अरब?
सऊदी अरब भी उन मुस्लिम देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने भारत की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों का कड़ा विरोध किया है। सऊदी अरब ने भी टिप्पणी की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया और धर्मों के सम्मान करने का आह्वान किया।
गल्फ देशों के साथ भारत का व्यापार
दरअसल, अरब देशों का भारत के साथ काफी मजबूत व्यापारिक रिश्ता है और भारत सरकार के लिए ये परेशानी की बात है। खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के साथ भारत का व्यापार, जिसमें कुवैत, कतर, सऊदी अरब, बहरीन, ओमान और यूएई शामिल हैं, 2020-21 में लगभग 90 बिलियन डॉलर का था। इसके साथ ही लाखों भारतीय जीसीसी देशों में रहते हैं और काम करते हैं।