November 22, 2024

ईडी से पूछताछ का राहुल गांधी ने सुनाया किस्सा बोले – 10-10 घंटे कैसे बैठे रहते हो…

नई दिल्ली
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि उनसे पूछताछ कर रहे ईडी के अधिकारी यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि नेशनल हेराल्ड के संबंध में पूछताछ के दौरान मैं (राहुल गांधी) 12/12 के कमरे में 10-11 घंटे तक बिना उठे कैसे बैठे रहता हूं। जवाब में राहुल गांधी ने ईडी के अधिकारियों से कहा कि इसके पीछे उनका प्रतिदिन विपश्यना (योग) करना है। इसलिए उन्हें लंबे समय तक बैठने की आदत है। फिर उन्होंने पूछा कि विपश्यना क्या है? राहुल गांधी ने पूरा किस्सा सुनाया है…

पिछले एक सप्ताह से कांग्रेस नेता राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ का सामना कर रहे हैं। पिछले पांच दिनों से राहुल गांधी से 50 से ज्यादा घंटे तक की पूछताछ हो चुकी है। इस इंटेरोगेशन में कई बार लगातार 10 से 11 घंटे तक पूछताछ होती है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ईडी के अधिकारियों ने पूछताछ के दौरान उनसे पूछा कि वे कैसे 10 से 11 घंटे तक लगातार बिना किसी परेशानी के एक जगह पर बैठे रहते हैं?

जानिए राहुल गांधी का जवाब
राहुल गांधी आगे कहते हैं कि उन्होंने सोचा कि वो उन्हें गलत जवाब देंगे। इसलिए कहा कि वो प्रतिदिन विपश्यना (योग) करते हैं। इसलिए वो लंबे समय तक एक जगह पर बैठे रह सकते हैं। लेकिन ये असली कारण नहीं था। राहुल गांधी ने कहा कि असली कारण यह है कि वो उस कमरे में अकेले नहीं बैठे थे। कांग्रेस का हर नेता उनके साथ था। एक नेता थक सकता है, लेकिन पार्टी के कई हजार कार्यकर्ता नहीं।

मेरे धैर्य का स्रोत जानना चाहते हैं
मजाकिया लहजे में राहुल गांधी ने आगे कहा, "फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं इतना धैर्यवान कैसे हो गया। मैंने उन्हें बताया कि मैं यह नहीं बता सकता। मैंने आपको अपनी ऊर्जा का रहस्य पहले ही बता दिया है। लेकिन क्या आप मेरे धैर्य का स्रोत जानना चाहते हैं? मैं 2004 से पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। यहां कांग्रेस के सभी नेता बैठे हैं। हमारी पार्टी हमें धैर्य सिखाती है। वहां (भाजपा में) आपको धैर्य की आवश्यकता नहीं है। आप बस अपने हाथ जोड़ो और सच कहना बंद करो।”

अग्निपथ योजना से सेना को कमजोर कर रही सरकार
अग्निपथ योजना की आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "ये लोग सेना को कमजोर कर रहे हैं और खुद को राष्ट्रवादी कहते हैं। सुबह 4 बजे उठकर दौड़ने वाले इन अग्निपथों को चार साल बाद कोई नौकरी नहीं मिलेगी। उनके भविष्य की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है।"

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