भाजपा-कांग्रेस की प्रतिष्ठा लगी दाव पर, आज शाम को थम जाएगा चुनाव प्रचार
भोपाल
नगर पालिका चुनाव के लिए पार्षद पद का चुनाव लड़ रहे है भाजपा, कांग्रेस, आप पार्टी सहित निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार थमने के एक दिन पहले अपनी पूरी ताकत मतदाताओं को अपने पक्ष में रिझााने के लिए अपनी पूरी ताकत झौंक दी है। वही राजनैतिक दलों के नेता भी अपनी-अपनी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों को जिताने के लिए मैदान में उतर आए हैं।
जिसके तहत शहर के 39 वार्डो में घर-घर दस्तक देने का अभियान का क्रमऔर तेज हो गया है। वैसे तो नगर पालिका चुनाव लड़ रहे लगभग सभी उम्मीदवारों के द्वारा अपने-अपने वार्ड में मतदाताओं को अपने-अपने पक्ष में मतदान करने के लिए चरण वंदना कर आशीर्वाद 2 से लेकर 3-3 बार घर-घर पहुंच चुके हैं। मतदान 6 जुलाई को होना है। वही आज सोमवार को शाम 5 बजे चुनाव प्रचार थम जाएगा। लेकिन इसके पहले भाजपा कांग्रेस,आप पार्टी सहित निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनाव जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है।
प्रचार वाहनों में लगे माइकों का शोरगुल और तेज होग गया है। पार्षद बनने की चाह में उम्मीदवार मतदाताओं के समक्ष विकास के वादे सहित आश्वासनों की पोठरी खोल रहे हैं। वही मतदाता किस प्रत्याशाी के सिर पर वार्ड का ताज बांधेंगे यह सार्वनिक रूप से कहने के बच रहे हैं। नगर पालिका में किस राजनैतिक पार्टी की महिला अध्यक्ष बनेगी अभी यह कह पाना जल्दबाजी होगी।
वही भाजपा और कांग्रेस के लिए नगर पालिका का यह चुनाव प्रतिष्ठा का चुनाव बन गया है। इस चुनाव में भाजपा नेता मुकेश टंडन और कांग्रेस विधायक शशांक भार्गव की राजनीतिज्ञ प्रतिष्ठा दाव पर लगी है। इसलिए यह दोनों नेता शहर के 39 वार्डो में अपनी-अपनी पार्टी के अधिक्रत प्रत्याशियों को जिताने के लिए अपना-अपना जोर लगा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि विदिशा नगर पालिका में अध्यक्ष पार्षदों के द्वारा चुना जाना है। इसलिए इस यह चुनाव कश्माकश हो गया है।
तेज बारिश खोलेगी जनप्रतिनिधियों की पोल
मानसून ने दस्तक दे दी है। लगातार 3 से 4 घंटे की तेज बारिश अभी नहीं हुई है। हालांकि तीस मिनट से लेकर एक घंटे की बारिश शहर में एक दो बार हो चुकी है। जिससे शहर के अधिकांश वार्डों में जनप्रतिनिधियों के द्वारा किए गए विकास कार्य की पोल खोल दी थी। हालात यह बए गए थे कि कई जगह पर जल भराव और गड्ढों में तब्दील रोड कीचड़ से सने नजर आ रहे थे। मतदान 06 जुलाई को होना है यदि इसके पूर्व लगातार चार पांच घंटे की तेज बारिश हो जाती है तो भाजपा और कांग्रेस के अधिकृत पार्षद पद के प्रत्याशियों को इसका खामियाजा भुगतने का सामना करना पड़ सकता है।
सड़क, बिजली और पानी की समस्या बरकरार
कई वार्डों में स्ट्रीट लाइट आज भी नहीं लगीं हैं। जहां लगीं है तो उनमें से कई बंद पड़ी हैं। हालांकि समय-समय पर जिन वार्डों में सड़क की समस्या थी वहां पर तत्कालीन समय में वार्ड में रहे जनप्रतिनिधियों के द्वारा सड़क निर्माण का कार्य कराया गया। लेकिन गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य होने के कारण कही वार्डों में रोड की समस्या भ्रष्टाचार और कमीशन भेंट चढ़ गई। वहीं आज भी शहर में ऐसे कई इलाके हैं जहां पर जनता आज भी सड़क निर्माण और पेयजल की समस्या का सामना कर रहे हैं। लेकिन नगरीय निकाय चुनाव लड़ रहे राजनैतिक पार्टियों के अधिकृत पार्षद पद से उम्मीवारों के द्वारा सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है। जबकि कुछ वार्डों पर दृष्टि डालें तो वहां पर पिछली परिषद में रहे पार्षदों के द्वारा कोई विशेष कार्य नहीं किए गए हैं। जिससे की वार्ड के मतदाताओं को राहत मिले। गड्ढों में तब्दील सड़कें व गंदगी का सामना कई वार्डों में मतदाता आज भी कर रहे हैं।
जल्दबाजी होगी कहना ऊंट किस करवट बैठेगा
नगरीय निकाय चुनाव के लिए मतदान की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है। वैसे-वैसे भाजपा, कांग्रेस, आप सहित निर्दलीय पार्षद पद के प्रत्याशियों ने अपने-अपने पक्ष में मतदाताआें को रिझाने के लिए कई तरह के जतन तेज कर दिए हैं। अब तो हालात यह हो गए हैं कि अधिकांश वार्डों में मतदाताओं को प्रचार वाहन में लगे माइकों की ध्वनि से ऊब गए हैं। वहीं दूसरी और मतदाता जैसे ही अपने-अपने वार्डों में किसी कार्य से घर से बाहर निकल रहे हैं तो राजनैतिक दलों के अधिकृत पार्षद पद के प्रत्याशियों के अलावा निर्दलीय प्रत्याशी और उनके समर्थकों का सामना हो जाता है और फिर चरण वंदना और कई तरह के आश्वासनों के साथ मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए संवाद करते नजर आ रहे हैं। वहीं मतदाता भी जो भी प्रत्याशी उनसे घर या बाहर मिल रहे हैं। उन्हें मतदाता भी उनके ही पक्ष में मतदान करने का भरोसा दिला रहे हैं।
शहर के लगभग कई वार्डों में निर्दलीय और आप पार्टी के प्रत्याशियों ने भाजपा और कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों की नींद हराम कर दी है। चुनाव प्रचार से लेकर इन वार्डों में राजनैतिक पार्टियोें के अधिकृत प्रत्याशियों पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। हालांकि अभी यह कहना है जल्दबाजी होगी की ऊंट किस करवट बदलेगा। वहीं भाजपा और कांग्रेस के जिम्मेदार नेताओं ने मतदान तिथि के नजदीक आते ही अंतिम दौर की रणनीति भी तैयार कर ली है। वहीं शहर के अधिकांश वार्डों में मतदाता भी खुलकर सार्वजनिक स्थानों पर किसके पक्ष में मतदान करेंगे यह कहने से बचते नजर आ रहे हैं। किसकी परिषद बनेगी अभी यह कहना जल्दबाजी होगी।