अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितिकरण मामले में विपक्ष का हंगामा

रायपुर
वैशाली नगर से भाजपा विद्यारतन भसीन अनुपस्थिति में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितिकरण का मामला विधानसभा के छठवें दिन उठाया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी विधायकों ने जमकर हंगामा किया, इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने विस की कार्यवाही को दस मिनट के लिए स्थगित कर दिया। दोबारों कार्यवाही शुरू होने पर मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया।

नेता प्रतिपक्ष ने विधायक भसीन की जगह मुख्यमंत्री से पूछा कि प्रदेश में कार्यरत अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को नियमित करने केलिए क्या कोई समिति का गठन किया गया है? यदि हॉ तो सदस्य कौन-कौन है, कब-कब बैठकें हुई है तथा समिति के द्वारा क्या अनुशंसाएं की गई है और उन पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि अनुशंसा नहीं की गई है तो कब तक की जावेगी?

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि सामान्य शासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 12-1/2019/1-3, दिनांक 11.12.2019 द्वारा प्रमुख सचिव, वाणिज्य उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम विभाग की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है।

1 प्रमुख सचिव, विधि और विधायी कार्य विभाग – सदस्य
2 सचिव, सामन्य शासन विभाग – सदस्य-सचिव
3 सचिव,वित्त विभाग – सदस्य
4 सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग – सदस्य
5 सचिव, आदिम जाति तथा अनुसूिचत जनजाति विकास विभाग – सदस्य

मुख्यमंत्री ने बताया कि समिति की बैठक 09 जनवरी 2020 को संपन्न हुई है। समिति द्वारा बैठक में की गई अनुशंसा के अनुसार विभागों में पदस्थ अनियमित, दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की संख्या की पूर्व उपलब्ध औपचारिक जानकारी प्राप्त की जाये। विधि एवं विधायी कार्य विभाग का परामर्श/अभिमत प्राप्त किया जाए। पूर्व में गठित समिति द्वारा अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी प्रस्तुत की जाए। समिति द्वारा की गई अनुशंसा अनुसार विभागों तथा उनके अधीनस्थ विभागाध्यक्ष कार्यालय/निगम/मंडल/आयोग/संस्था आदि में पूर्व से कार्यरत अनियमित, दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा पर कार्येरत कर्मचारियों की जानकारी चाही गई है। नियमितीकरण के संबंध में सामान्य शासन विभाग द्वारा विधि एवं विधायी कार्य विभाग से भी अभिमत प्राप्त किया जा रहा है। विधि विभाग द्वारा उक्त के संबंध में महाधिवक्ता का अभिमत चाहा गया है। विधि विभाग के टीप दिनांक 28.05.2019 में लेख किया गया है कि महाधिवक्ता का अभिमत प्राप्त होने पर सामान्य शासन विभाग को प्रेषित किया जायेगा, जो अपेक्षित है।

 मुख्यमंत्री के जवाब पर अजय चंद्राकर और शिवरतन शर्मा ने कहा कि जब 2019 में कमेटी बनाई गई और जनवरी 2020 में कमेटी ने अनुशंसा की तो ढाई साल तक इस पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई। विपक्ष ने इस बात पर जमकर हंगामा किया कि सरकार अपने घोषणा पत्र पर क्रियान्वयन नहीं कर रही। इसके हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।

सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने फिर अनियमित कर्मचारियों के नियमितिकरण का मुद्दा उठाया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं निर्देशित करूँगा कि जल्द से जल्द कमेटी की बैठक आयोजित की जाए। अभिमत की प्रक्रिया तेज की जाए। साथ ही जिन विभागों से जानकारी नहीं आई है। वहाँ से जानकारी जल्द बुलाने के भी निर्देश दूँगा। मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वॉकआउट किया।