प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों की पात्रता वैधता बढ़ाकर पांच साल की

भोपाल
मध्य प्रदेश में चयनित शिक्षकों को राहत मिली है। राज्य शासन की ओर से चयनित शिक्षकों की पात्रता की वैधता की समयसीमा अब तीन साल से बढ़ाकर पांच साल कर दी गई है। यानी अब चयनित शिक्षक तीन साल तक के लिए वैध नहीं, बल्कि पांच साल तक के लिए वैध रहेंगे। आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए निर्धारित न्यूनतम 90 अंक भी अब से 75 अंक कर दिए गए हैं। न्यूनतम 60 प्रतिशत से घटाकर अब 50 फीसद कर दिया गया है। नए आदेश के तहत एससी, एसटी, ओबीसी और दिव्यांगजन के लिए न्यूनतम प्रतिशत समान हो गया है।
पिछले दिनों आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उक्त मांग की थी। इस संशोधन से वंचित वर्गों को नई भर्तियों में सबसे बड़ा लाभ मिलेगा। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की स्थिति सुधारने के लिए सरकार प्रायमरी और मिडिल स्कूलों में 14 हजार शिक्षक नियुक्त करेगी। ये पद शिक्षक पात्रता परीक्षा-2018 में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में से भरे जाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए पात्रता परीक्षा परिणाम की वैधता अवधि पांच साल तक बढ़ा दी गई है। जरूरत पड़ने पर इसे और बढ़ाया जा सकता है। बता दें, कि वर्ग का परिणाम अगस्त 2029 को आया था, तो अब पात्रता बढ़कर अगर पांच वर्ष कर दी गई है तो इनकी वैधता अगस्त 2024 तक हो जाएगी। वहीं माध्यमिक शिक्षक वर्ग-2 का परीक्षा परिणाम 26 अक्टूबर 2019 को घोषित हुआ, यानी इनकी वैधता 26 अक्टूबर 2025 तक होगी।