दिल्ली में कल 1 सितम्बर से पुरानी आबकारी नीति होगी लागू, 500 लाइसेंस जारी किए
नई दिल्ली
देश की राजधानी दिल्ली में नई आबकारी नीति को लेकर खींचतान मची हुई है। नई आबकारी नीति में घोटाले का इल्जाम लगा है और इसकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रही है। केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर सहित कई जगह छापेमारी भी हो चुकी है। दूसरी ओर दिल्ली में निजी दुकानों से शराब की बिक्री जारी रहने की अंतिम घड़ी भी अब नजदीक आ गई है।
बता दें कि, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 31 अगस्त तक नई आबकारी नीति लागू है, यानी प्राइवेट दुकानों से शराब की बिक्री 31 अगस्त तक होती रहेगी। 1 सितंबर से पुरानी आबकारी नीति वापस लागू हो जाएगी। इसमें सरकारी दुकान से ही शराब बेची जानी है। शराब की बिक्री व्यवस्था में परिवर्तन की घड़ी नजदीक आते ही एक्साइज विभाग भी एक्शन में आ गया है।
शराब की कीमतों में नहीं मिलेगा डिस्काउंट
ग्राहकों के लिहाज से बात करें तो पुरानी नीति के तहत शराब बिकने से उन्हें निर्धारित कीमतों पर शराब खरीदनी होगी. यानी की अब उन्हें किसी भी तरह का डिस्काउंट नहीं मिलेगा. साथ ही सभी क्षेत्रों की दुकानों पर शराब की कीमतें ब्रांड के हिसाब से समान ही रहेगी.
1 सितंबर से क्या-क्या होंगे बदलाव
- दिल्ली सरकार के चार निगमों डीटीटीडीसी, डीएसआईआईडीसी, डीसीसीडब्ल्यूएस और डीएसएससी को एक सितंबर से कुल 500 शराब ठेके खोलने का जिम्मा सौंपा गया है.
- इस साल के अंत तक निगमों द्वारा चलाए जाने वाले शराब ठेकों की कुल संख्या 700 हो जाएगी.
- हालांकि, कोई निजी वेंड नहीं होंगे और ग्राहक केवल सरकारी निगम द्वारा संचालित स्टोर से ही शराब खरीद सकते हैं.
- पुरानी आबकारी व्यवस्था में वापसी के साथ ही आप सरकार ने निर्देश दिया है कि ग्राहक अनुभव में कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए.
- चार सरकारी निगम प्रीमियम और बजट दोनों तरह के ठेके संचालित करेंगे जो के सभी क्षेत्रों के ग्राहकों की आपूर्ति करेंगे.
- दिल्ली वालों को शराब का व्यापक विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा. सरकार द्वारा संचालित दुकानों पर 1,000 से अधिक शराब ब्रांड, देसी और विदेशी दोनों खरीद के लिए उपलब्ध होंगे.
आबकारी आसूचना ब्यूरो (ईआईबी) के अलावा अनुमंडल स्तर पर कई टीमें गठित की जाएंगी, जिनकी अध्यक्षता एक अनुमंडल मजिस्ट्रेट करेंगे. उन्हें किसी भी प्रकार की नकली शराब को नियंत्रित करने, सीमा पार से तस्करी, शराब की जमाखोरी, घबराहट में बेचने और अवैध रूप से शराब की कीमतों में छूट देने या अधिक वसूलने का काम सौंपा गया है.
क्यों बंद करनी पड़ी पुरानी नीति
उपराज्यपाल ने नई नीति में अनियमितता बताते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश की. सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की है. आरोप है कि नई नीति के तहत शराब का उत्पादन, भंडार और बिक्री का काम एक ही समूह से जुड़े लोगों के दिया गया. नई आबकारी नीति 31 मार्च, 2022 तक के लिए मंजूर की गई थी, लेकिन उसे बिना सक्षम प्राधिकारी और कैबिनेट की मंजूरी को दो बार आगे बढ़ाया गया.
नई नीति में क्या था
राजधानी के 272 वार्डों में 849 दुकानें खोली जानी थीं, जिनमें से 600 से कम ही खुल पाई, अभी 342 दुकानें संचालित हैं.
नई नीति में सरकार ने खुद को शराब की बिक्री से अलग कर लिया था.
नाइट कल्चर के तहत देर रात कर शराब बिक्री करने की व्यवस्था की गई थी, हालांकि इसे लागू नहीं किया जा सका.
ग्राहकों को दुकान के अंदर जाकर शराब पसंद करने का अवसर दिया गया.
सभी दुकान एयर कंडीशनर बनाए गए, जिससे ग्राहकों को शराब खरीदते वक्त बेहतर अनुभव हो.
आबकारी विभाग में बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है। आबकारी विभाग के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, शुरूआत में सरकारी शराब की लगभग 500 दुकानें खोलने की तैयारी है। आने वाले दिनों में दुकानों की तादाद बढ़ाकर 700 करने की योजना है। एक्साइज विभाग के सूत्रों के अनुसार, अब तक लगभग 80 होलसेलर और उत्पादकों ने करीब 500 अलग-अलग ब्रांड्स भी रजिस्टर करा लिए हैं। इससे शराब के शौकीनों को उनकी पसंद का ब्रांड मिल पाएगा।
लागू होगी पुरानी नीति लेकिन दुकानें होंगी नई
उन्होंने कहा कि सभी स्टोर 300 वर्ग फुट में बने होंगे. DSIIDC के एक अधिकारी ने बताया कि उनके शराब के स्टोर लगभग बनकर तैयार हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि हमें 110 स्थानों पर शराब की दुकानें खोलने के लिए लाइसेंस मिले हैं. इन सभी दुकानों पर काम जोरों पर चल रहा है. उन्होंने बताया कि कांति नगर, झील, पंजाबी बाग सेंट्रल मार्केट, त्रिलोकपुरी, लाडो सराय, झिलमिल फेज 1 और हमारी अन्य शराब की दुकानों पर लगभग 90% इंटीरियर का काम पूरा हो चुका है. वहीं एक आबकारी अधिकारी ने कहा कि आने वाले महीनों में और लाइसेंस जारी किए जाएं, क्योंकि साल के अंत तक दिल्ली सरकार की योजना पूरे प्रदेश में 700 शराब की दुकानें खोलने की है.
इन्हें दिया गया शराब दुकानों के संचालन का अधिकार
अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (DSIIDC), दिल्ली टूरिज्म एंड ट्रांसपोर्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (DTTDC), दिल्ली कंज्यूमर कोऑपरेटिव होलसेल स्टोर (DCCWS) और दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DSCSC) एक सितंबर से राजधानी की शराब की दुकानें चलाएंगे. वहीं आबकारी विभाग के अधिकारी ने बताया कि हमें 1 सितंबर से पहले लगभग 80 शराब निर्माताओं और ड्रिट्रीव्यूटरों द्वारा पंजीकरण कराए जाने की उम्मीद है, ताकि राज्य के निवासियों को शराब की अच्छी खासी वैरायटी मिल सके और उनके अनुभव को बेहतर बनाया जा सके.