November 23, 2024

गुलाम नबी आजाद को बनती नहीं दिख रही विपक्षी एकता, कांग्रेस पर भी पूछ लिया बड़ा सवाल

नई दिल्ली

कांग्रेस को अलविदा कहने के बाद गुलाम नबी आजाद पार्टी को लेकर खुलकर बात कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकता पर भी चर्चा की। उनका कहना है कि सभी को कांग्रेस कमजोर नजर आ रही है और ऐसे में कोई भी उनकी बात क्यों सुनेगा। आजाद ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इसी के साथ कांग्रेस और उनके बीच करीब 5 दशक के रिश्ते टूट गए थे।
 बातचीत में आजाद ने 2024 लोकसभा चुनाव पर बात की।  जब उनसे सवाल किया गया कि क्या भारतीय जनता पार्टी सत्ता में वापस आ जाएगी? इसपर उन्होंने बताया कि इस बार में वह कुछ नहीं कह सकते हैं। आजाद ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि कांग्रेस में सुधार हो। मैं चाहता हूं कि सेक्युलर ताकतों के आंकड़े बेहतर हों।'
 

विपक्षी एकता पर क्या बोले दिग्गज
खबरें थी कि भाजपा के खिलाफ 2024 चुनाव के लिए विपक्षी दल एक होने की योजना बना रहे हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी समेत कई नेता इस विचार का समर्थन भी कर चुके हैं। आजाद ने कहा कि वे एक होंगे या नहीं… यह हर राजनीतिक दल के काम और दलों के बीच किस तरह का समन्वय रहेगा इस पर निर्भर करता है। वह कहते हैं, 'लेकिन मुझे पहले से तो एक होने का कोई मौका नहीं दिखता, क्योंकि हर राजनीतिक दल के नेता का अपना ईगो होता है… सभी को लगता है कि कांग्रेस कमजोर हो गई है… वे क्यों कांग्रेस की सुनेंगे या उसके नेतृत्व में काम करेंगे… कांग्रेस को लोगों का भरोसा हासिल नहीं है।'

अपना सियासी दल बना रहे हैं आजाद
कांग्रेस से अलग होने के बाद आजाद जम्मू और कश्मीर में अपने सियासी दल बनाने की बात कह चुके हैं। खास बात है कि राज्य में उन्होंने कांग्रेस के नेताओं का समर्थन भी जमकर मिल रहा है। हाल ही में पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद समेत करीब 60 से ज्यादा नेताओं ने उनके समर्थन में कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। खुद वरिष्ठ राजनेता भी कह रहे हैं कि जम्मू और कश्मीर में 90 फीसदी कांग्रेस उनके साथ आ गई है।