पोषण माह: कर्तव्य पथ पर आज से ‘पोषण उत्सव’ होगा शुरू, 2 अक्टूबर तक चलेगा
नई दिल्ली
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय 5वें राष्ट्रीय पोषण माह 2022 के समापन अवसर पर राजधानी दिल्ली के कर्तव्यपथ पर 30 सितंबर यानी आज से 'पोषण उत्सव' की शुरुआत कर रही है। पोषण उत्सव 2 अक्टूबर 2022 तक चलेगा। पोषण उत्सव का उद्घाटन 30 सितंबर को कर्तव्य पथ पर शाम 6:00 बजे केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि पोषण उत्सव देश में मौजूद कुपोषण की चुनौतियों से निपटने के लिए और विशेष रूप से छोटे बच्चों और महिलाओं को सही पोषण देने के महत्व को समझाने के लिए मनाया जाता है। पोषण उत्सव अच्छे पोषण के महत्व को समझाने के लिए महीने भर से चल रहा है। जानिए इस कार्यक्रम की खास बातें -मंत्रालय ने कहा है कि पोषण की जरूरत और अच्छे पोषण के मूलभूत संदेश के साथ 'पोषण उत्सव' का आयोजन एक मेले के रूप में किया जा रहा है।
उद्घाटन समारोह में आंगनवाड़ी केंद्रों, सरकारी स्कूलों के साथ-साथ दिल्ली की बाल देखदेख संस्थाओं के बच्चों को भी शामिल किया जाएगा। -इस मेले में बच्चों और आने वालों को आकर्षित करने के लिए उत्सव के दौरान सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, पोषण परेड, स्वास्थ्य जांच शिविर, स्वस्थ भोजन स्टॉल और पोषण का संदेश देने वाले खेलों का आयोजन भी किया जाएगा। -इसके अलावा माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संवर्धित वास्तविकता आधारित फोटो-ऐप का अवसर भी मिलेगा। मेले के उत्सव के दौरान एक आंगनवाड़ी केंद्र, देश के 9 से अधिक पारंपरिक खिलौना समूहों के स्थानीय खिलौने और स्वस्थ आयुष उत्पादों की भी प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
-महिला एवं बाल विकास मंत्रालय पोषण अभियान के तहत 1 से 30 सितंबर तक 5वां राष्ट्रीय पोषण माह मना रहा है। पोषण माह के दौरान 'जन आंदोलन' के तहत शिशु और छोटे बच्चों के भोजन की जरूरत, गर्भावस्था और किशोरावस्था के दौरान पोषण और देखभाल के महत्व, बुजुर्गों को सही देखभाल के प्रति जागरूकता फैलाता है। -इस साल राष्ट्रीय पोषण माह के तहत देश भर की ग्राम पंचायतों ने 'महिला और स्वास्थ्य', 'बच्चा और शिक्षा', जेंडर के प्रति संवेदनशील जल प्रबंधन जैसी चीजों पर अधिक फोकस किया है। इसके अलावा जनजातीय क्षेत्रों में स्वस्थ स्थानीय भोजन के महत्व पर भी जोर दिया गया है। – आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि कुपोषण और आवश्यक पोषक तत्वों की कमी कमजोर महिलाओं और बच्चों के विकास में बड़ी बाधाएं हैं। उन्होंने देश हर गरीब व्यक्ति को पोषण प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया था।