September 21, 2024

महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे करेंगे एक और खेला? उद्धव के सबसे भरोसेमंद छोड़ सकते हैं शिवसेना

 मुंबई।
  महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। शिवसेना सचिव और उनके लंबे समय से भरोसेमंद सहयोगी रहे मिलिंद नार्वेकर सीएम एकनाथ शिंदे के गुट में शामिल हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो यह उद्धव ठाकरे के लिए यह बड़ा झटका साबित हो सकता है। शिंदे खेमे के मंत्री गुलाबराव पाटिल ने शनिवार को धुले में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "चंपा सिंह के बाद, अब मिलिंद नार्वेकर भी अपने रास्ते पर हैं।"

शिवसेना में फूट के बाद भी नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से संपर्क बनाए रखा है। गणेश उत्सव के दौरान एकनाथ शिंदे नार्वेकर के घर भी गए थे। अब ऐसा पहली बार हुआ है कि शिवसेना के विद्रोही खेमे के किसी नेता ने सार्वजनिक रूप से ऐसी टिप्पणी की है।

पाटिल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “चलो मान लेते हैं कि गुलाबराव पाटिल ने शिंदे खेमे में शामिल होने के लिए 50 करोड़ रुपये लिए, लेकिन चंपा सिंह थापा ने क्या लिया? उन्होंने अपना पूरा जीवन बालासाहेब ठाकरे को समर्पित कर दिया। जिस शख्स ने बालासाहेब की चिता को जलाया, उन्होंने ही उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ दिया। थापा के बाद अब मिलिंद नार्वेकर भी अपने रास्ते पर हैं।” पाटिल ने कहा, "जिस दिन हमें तीर-धनुष चुनाव चिन्ह मिलेगा उन्हें अपने पक्ष में कोई विधायक नहीं मिलेगा।"
 
नार्वेकर कभी शिवसेना के एक शक्तिशाली पदाधिकारी थे। वह पार्टी के टिकटों के वितरण में भी अपनी बात रखते थे। यहां तक ​​कि जब बीजेपी-शिवसेना की प्रदेश में सरकार थी तो वह ठाकरे और फडणवीस के बीच मध्यस्थता भी करते थे। भास्कर जाधव, नारायण राणे, प्रदीप जायसवाल और मोहन रावले जैसे नेताओं ने अलग-अलग समय पर पार्टी के खिलाफ विद्रोह करने का उनके खिलाफ आरोप लगाया था। महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) सत्ता में आई तो नार्वेकर को दरकिनार कर दिया गया। कहा जाता है कि नार्वेकर ने शिंदे के साथ समझौता किया था। वह ठाकरे की कोर टीम में बिना किसी जिम्मेदारी के बने हुए हैं।

शिवसेना के एक सांसद ने कहा कि ठाकरे काफी समय से नार्वेकर को दरकिनार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “सभी जानते हैं कि उद्धव ठाकरे द्वारा नार्वेकर को काफी समय से दरकिनार किया जा रहा है, इसमें नया क्या है।” शिवसेना प्रवक्ता मनीष कायंडे ने कहा कि वे एक धारणा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कायंडे ने कहा, "यह और कुछ नहीं बल्कि यह धारणा बनाने की असफल कोशिश है कि पार्टी के कई नेता उनके साथ शामिल हो रहे हैं।"

 

You may have missed