NIA का बड़ा दावा:ISI मुंबई में फिर आतंकी हमला करना चाहता था

  मुंबई:
 एनआईए ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को लेकर अपनी चार्जशीट में एक बड़ा और सनसनीखेज दावा किया है. जांच एजेंसी एएनआई ने दावा किया है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम एक बार फिर मुंबई में बड़ा आतंकी हमला करना चाहता था. इसके लिए दाऊद ने पाकिस्तान से पैसे भी मुंबई भेजे थे. पैसे हवाला के जरिए पाकिस्तान से सूरत और सूरत से मुंबई आए थे. हालांकि, हमले के लिए और भी पैसे आने थे, इस से पहले ही एनआईए ने डी कंपनी के 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया.

इस बाबत एनआईए ने अपनी चार्जशीट में पूरा खुलासा किया है कि कैसे दाऊद एक बार फिर मुंबई को आतंकी हमले से दहलाने की फिराक में था. एनआईए के मुताबिक, 25 लाख रुपए की पहली किस्त पाकिस्तान से मुंबई आई थी. यह पूरा पैसा दाऊद का करीबी छोटा शकील के रिश्तेदार सलीम के पास आया था. बता दे कि दाऊद इब्राहिम कराची में रहता है और फिलहाल वह आईएसआई के इशारों पर काम करता है.

दरअसल, बीते दिनों एनआईए यानी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ने शनिवार को भगोड़े डॉन दाऊद इब्राहिम, उसके करीबी छोटा शकील और गिरफ्तार किए गए तीन व्यक्तियों के खिलाफ मुंबई की एक विशेष अदालत में आरोपपत्र दायर किया था. एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि आरोपपत्र वैश्विक आतंकवादी नेटवर्क और अंतरराष्ट्रीय संगठित आपराधिक गिरोह, अर्थात डी-कंपनी से संबंधित एक मामले में दायर किया गया, जो भारत में विभिन्न आतंकवादी और आपराधिक गतिविधियों में शामिल है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एनआईए के प्रवक्ता ने कहा कि मामला तीन फरवरी को पुलिस थाना एनआईए मुंबई में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया गया था. जिन तीन अन्य व्यक्तियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया है उनमें आरिफ अबुबकर शेख, शब्बीर अबुबकर शेख और मोहम्मद सलीम कुरैशी शामिल हैं और ये सभी मुंबई के रहने वाले हैं.

प्रवक्ता ने कहा, ‘जांच से पता चला है कि आरोपी व्यक्ति एक आतंकवादी गिरोह और एक संगठित अपराध गिरोह डी-कंपनी के सदस्य हैं और उन्होंने विभिन्न प्रकार की गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देकर गिरोह की आपराधिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने की साजिश रची.’ एनआईए ने कहा कि साजिश को आगे बढ़ाने को लेकर उन्होंने लोगों को धमकाकर भारी मात्रा में धन जुटाया, एकत्र किया और जबरन वसूली की जो डी-कंपनी के लाभ के लिए था और वर्तमान मामले में एक आतंकवादी के लाभ के लिए था. साथ यह भारत की सुरक्षा को खतरे में डालने के इरादे से और आम जनता के मन में आतंक पैदा करने के लिए था.

प्रवक्ता ने कहा था कि जांच में यह भी पता चला कि गिरफ्तार आरोपी व्यक्तियों को हवाला चैनल के माध्यम से, विदेश में स्थित फरार/वांछित अभियुक्तों से भारी मात्रा में धन प्राप्त हुआ जो लोगों के मन में आतंक उत्पन्न करने के उद्देश्य से मुंबई और भारत के अन्य हिस्सों में सनसनीखेज आतंकवादी/आपराधिक कृत्यों को अंजाम देने के लिए था. प्रवक्ता ने कहा कि ‘आतंकवाद से अर्जित आय’ आरोपी व्यक्तियों के कब्जे में थी.