संजय राउत की गिरफ्तारी को जज ने क्यों बताया ‘अवैध’, क्या अदालत में घिर गई ED

 मुंबई
महाराष्ट्र के पातरा चॉल स्कैम में आरोपी बनाए गए राज्यसभा सांसद संजय राउत को बेल पर जेल से रिहाई मिल गई है। पीएमएलए कोर्ट ने संजय राउत की बेल मंजूर करते हुए कई अहम टिप्पणियां भी कीं। स्पेशल जज एमजी देशपांडे ने संजय राउत और प्रवीण राउत की गिरफ्तारी को 'अवैध' बताते हुए कहा कि ईडी उन लोगों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है, जो मामले में मुख्य आरोपी हैं। यही नहीं जज ने कहा कि ईडी का स्टैंड इस केस में मुख्य आरोपी की पहचान को लेकर बदलता रहा है। अदालत ने यह भी कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर निर्दोष लोगों को विवाद में नहीं घसीटा जा सकता।

संजय राउत को मिली बेल का ईडी ने सेशन कोर्ट में भी विरोध किया, लेकिन वहां से भी उसे निराशा हाथ लगी। इसके बाद बुधवार शाम को ईडी ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने संजय राउत की रिहाई पर रोक से इनकार कर दिया। हालांकि अदालत ने आज ईडी की अर्जी पर सुनवाई की बात कही है। अदालत ने कहा कि संजय राउत की बेल पर पीएमएलए कोर्ट ने एक महीने फैसला लिया है। ऐसे में आप हमसे यह उम्मीद क्यों करते हैं कि पूरे मामले को समझे बिना ही हम फैसला दे दें।

अदालत ने संजय राउत के अलावा मामले के सह-आरोपी प्रवीण राउत को भी बेल दे दी है। प्रवीण राउत पर आरोप है कि वह संजय राउत के लिए काम कर रहे थे और अवैध तौर पर इस परियोजना के हिस्से को बेच दिया। संजय राउत को इस केस में 102 दिनों की जेल के बाद रिहाई मिली है, जिससे शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट में जश्न का माहौल है। उद्धव ठाकरे गुट संजय राउत की रिहाई को सत्य की जीत के तौर पर दिखा रहा है। बुधवार को उद्धव ठाकरे ने बेल के फैसले के तुरंत पर बाद संजय राउत से बात की थी और फिर उनसे मुलाकात करने भी पहुंचे।