September 8, 2024

गिर गाय का दूध बना संजीवनी तो डॉक्टर ने शुरू कर दी गोशाला, कई बीमारियों से छुटकारा

गोरखपुर
गोरखपुर में कोरोना संक्रमण ने कई लोगों की जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया है। ऐसा ही बदलाव आया है गोरखपुर में तैनात एक महिला चिकित्सक के जीवन में। हुआ यूं कि पहली लहर में संक्रमित डॉक्टर कोरोना से तो उबर गईं पर बाद में होने वाली दिक्कतों के लिए उन्हें हैदराबाद जाकर इलाज कराना पड़ा।

वहां डॉक्टरों ने गिर प्रजाति की गाय के दूध के सेवन की सलाह दी। दिक्कतों से उबरने के बाद अब वह गिर नस्ल के संरक्षण और संवर्द्धन का ऐसा जुनून चढ़ा कि उन्होंने गोशाला शुरू कर दी। दो गायों से शुरू हुआ उनका सफर 40 की संख्या तक पहुंच चुका है। वह डॉक्टर हैं सहजनवा सीएचसी में बतौर चिकित्सा अधिकारी तैनात डॉ श्रुति झा। वह बताती हैं कि कोरोना से तो किसी तरह उबर गईं पर पोस्ट कोविड इफेक्ट ने उन्हें उच्च रक्तचाप, शुगर और डिप्रेशन में पहुंचा दिया। डॉ. श्रुति के बड़े भाई हैदराबाद के नामी संस्थान में चिकित्सक है। परिवारीजन वहीं ले गए इलाज कराने। वहां डॉक्टरों ने दवाओं के साथ गिर नस्ल की गाय के दूध के सेवन की सलाह दी। वहां इलाज से तेजी से फायदा हुआ। आज बगैर किसी दवा के बीपी, शुगर कंट्रोल में है। डिप्रेशन दूर है।
 
सहजनवा के सेमरा गांव में शुरू किया पालन उन्होंने बताया कि हैदराबाद से लौटने के बाद गुजरात में मिलने वालीं गिर नस्ल की गायों को पालने का शौक शुरू हुआ। इसके लिए सहजनवा के सेमरा में जमीन ली। गुजरात से दो गाय मंगाई और गोशाला शुरू की। उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे परिचितों ने भी दूध की मांग शुरू की। यह सामान्य दूध से करीब डेढ़ गुना महंगा है। इसके बावजूद मांग बढ़ रही है। अब गोशाला में 40 गाय हो चुकी हैं। जिसमें 14 बछड़े हैं।

बीमारियों से बचाती है दूध
डॉ श्रुति ने बताया कि गिर गाय का दूध ए-टू श्रेणी का है। इसमें प्रोलाइन मिलता है, जो दिमाग तेज करता है, ऑटिज्म और न्यूरो की बीमारियों से बचाता है। कोलेस्ट्रॉल कम करने के साथ दूध में मौजूद पोटैशियम से शुगर और बीपी कंट्रोल रहता है।

गुजरात की नस्ल है गिर
गिर गुजरात की देसी नस्ल है, रंग लाल होता है। काठियावाड़ के जंगलों में इस नस्ल का मूल स्थान माना जाता है। यही कारण है कि इस नस्ल को गिर नस्ल कहते हैं। गिर गाय पौष्टिक दूध उत्पादन के लिए जानी जाती है। इसके दूध में स्वर्ण तत्व माने जाते हैं।

मुख्यमंत्री भी गिर नस्ल की गाय के मुरीद
सीएम योगी भी गिर गायों के मुरीद है। गोरखनाथ मंदिर की गोशाला में गिर नस्ल की काफी गायें मौजूद हैं। योगी मुख्यमंत्री बनने के बाद भी मंदिर प्रवास के दौरान गोसेवा जरूर करते हैं। वह गायों को चारे के साथ चना-गुड़ खिलाते हैं।