पांच साल बाद देखी गई जनवरी की बारिश में कमी, जानें- क्या कहते हैं मौसम विभाग के आंकड़े
पुणे
भारत (India) में पांच साल के बाद जनवरी के महीने में बारिश (Rain) की कमी देखी गई है। मौसम विभाग ने बताया है कि जनवरी की बारिश पांच साल के निचले स्तर 12.4 मिमी पर पहुंच गई है। इस महीने में फिलहाल 25 प्रतिशत वर्षा की कमी चल रही है। वहीं, 31 जनवरी तक भी इस कमी को पूरा करने की कोई संभावना नहीं है। आईएमडी के आंकड़े बताते हैं कि पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश की कमी आई है।
कम हुई बारिश
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की गतिविधि के कारण पश्चिम और उत्तर-पश्चिम भारत के इलाकों में जनवरी की बारिश आज की तारीख में सामान्य से अधिक रही है। वहीं इसकी कमजोर गतिविधि की वजह से पिछले साल दिसंबर में भी पूरे भारत में सर्दियों की बारिश सामान्य से कम रही। पिछले पश्चिमी विक्षोभ के कारण केवल पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और पंजाब व हरियाणा के उत्तरी हिस्सों में ही वर्षा हुई। महापात्र ने कहा कि बारिश मंगलवार तक जारी रहने की संभावना है। उसके बाद इसमें कमी आएगी और महीने के अंत तक भी बारिश की कमी पूरी नहीं हो पाएगी।
गेहूं की फसल को लाभ
बारिश की कमी का असर सर्दियों की फसलों पर पड़ सकता है। इससे पहले, दिसंबर 2022 में भी 13.6 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। ये दिसंबर 2016 के बाद सबसे कम मासिक मात्रा थी। आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में वैज्ञानिक राजबीर यादव ने मीडिया को बताया कि भारत में गेहूं के अधिकांश क्षेत्र सिंचित हैं। मध्यम बारिश ठंड की अवधि को बढ़ाएगी, जो गेहूं की फसल के उत्पादन के लिए वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि समय पर और हल्की सर्दियों की बारिश गेहूं के उत्पादन पर सिंचाई की लागत को काफी हद तक बचाएगी। ये उन किसानों के लिए विशेष रूप से सहायक है, जिनके पास सिंचाई की सुविधा कम है। यादव ने बताया कि बारिश के पानी में नाइट्रेट भी होता है, जो फसल के विकास के लिए फायदेमंद होता है।
कुछ फसलों को हुआ नुकसान
बता दें कि अक्सर सर्दियों में फसलों पर पाले का प्रकोप बढ़ जाता है। यादव ने कहा कि बारिश की कमी और अत्यधिक ठंड के कारण कुछ दिनों पहले सरसों की कुछ फसलों में पाला देखने को मिला था। इससे खासकर राजस्थान और हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में कुछ हद तक नुकसान हुआ है। आलू की फसल भी पत्ती झुलसने से प्रभावित हुई है, जो मुख्य रूप से ठंड के कारण होती है।
क्या कहते हैं आंकड़े
भारत में 2019 से लगातार जनवरी के महीने में अच्छी सर्दियों की बारिश हुई थी। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2019 में 18.5 मिमी, 2020 में 28.3 मिमी, 2021 में 20.2 मिमी और 2022 में 39.5 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।