September 21, 2024

केंद्र सरकार का SC में हलफनामा, राज्यों को पक्षकार बनाने की मांग

नई दिल्ली
 समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को भी सुनवाई हो रही है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में हो रही सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने ताजा हलफनामा दायर किया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी पार्टी बनाने की मांग की है।

केंद्र सरकार ने जताई आपत्ति
इससे पहले मंगलवार को सुनवाई को लेकर केंद्र सरकार ने आपत्ति जताई। केंद्र सरकार ने कहा कि पहले यह तय होना चाहिए कि कौन से मंच पर इस मुद्दे पर बहस हो सकती है। क्या अदालत वैवाहिक रिश्ते की सामाजिक और कानूनी मान्यता न्यायिक फैसले के जरिये तय कर सकती है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा विधायिका के विचार क्षेत्र में आता है। ऐसे में कोर्ट पहले सरकार की ओर से सुनवाई को लेकर उठाई गई आपत्तियों पर विचार करे, केस की मेरिट पर बाद में सुनवाई की जाए।
 

20 याचिकाएं लंबित
सुप्रीम कोर्ट में करीब 20 याचिकाएं लंबित हैं, जिनमें समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दिए जाने की मांग की गई है। मंगलवार को पांच सदस्यीय संविधान पीठ में सुनवाई शुरू हुई। याचिकाकर्ताओं की ओर से पर्सनल लॉ के पहलू को न उठाए जाने और दलीलें सिर्फ स्पेशल मैरिज एक्ट तक सीमित रखने की बात करने पर कोर्ट ने साफ किया कि वह इस मामले में पर्सनल लॉ के मुद्दे पर विचार नहीं करेगा। मामले में सिर्फ स्पेशल मैरिज एक्ट में जीवनसाथी की व्याख्या के सीमित मुद्दे पर विचार किया जाएगा।

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