16 दल, 21 सांसद, एजेंडा क्या? संसद में शोर के बीच मणिपुर पहुंचा ‘INDIA’
नई दिल्ली
संसद में शोर और हंगामे के बीच विपक्षी गठबंधन 'INDIA' के सांसद मणिपुर पहुंच चुके हैं। 16 राजनीतिक दलों के ये 21सदस्य 29 और 30 जुलाई को राज्य का दौरा करेंगे। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया है कि विपक्ष के झटके से केंद्र भी जाग गया है। खास बात है कि मॉनसून सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष लगातार मणिपुर के मुद्दे को उठा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान देने की मांग कर रहा है।
सांसद दिल्ली से विमान के जरिये मणिपुर पहुंचे। प्रतिनिधिमंडल चुराचांदपुर में राहत शिविरों में रह रहे कुकी समुदाय के पीड़ितों से मिलने जाएगा, जहां हाल में हिंसा की घटनाएं हुई हैं। प्रतिनिधिमंडल के दौरे के संबंध में एक सुरक्षा अधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, 'वे सुरक्षा कारणों से इंफाल से हेलीकॉप्टर के जरिए चुराचांदपुर जाएंगे। इस समय केवल एक हेलीकॉप्टर उपलब्ध है, इसलिए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को दो टीम में बांटा जाएगा और हेलीकॉप्टर उन्हें पहुंचाने के लिए दो फेरे लगाएगा।'
मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (MPCC) के एक सूत्र ने बताया कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और अन्य सांसदों की एक टीम पहले चुराचांदपुर पहुंचेगी तथा चुराचांदपुर कॉलेज के लड़कों के छात्रावास में स्थापित एक राहत शिविर का दौरा करेगी। सूत्र ने बताया कि लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई और अन्य सांसदों की एक टीम चुराचांदपुर में डॉन बॉस्को स्कूल में एक राहत शिविर का दौरा करेगी। उन्होंने कहा, 'इंफाल लौटने के बाद चौधरी के नेतृत्व वाली टीम मेइती समुदाय के पीड़ितों से मिलने के लिए सड़क मार्ग से बिष्णुपुर जिले के मोइरांग कॉलेज में एक अन्य राहत शिविर में जाएगी।' विपक्षी सांसदों की दूसरी टीम इंफाल पूर्वी जिले के अकंपत में 'आइडियल गर्ल्स कॉलेज' राहत शिविर जाएगी और इंफाल पश्चिमी जिले के लेम्बोइखोंगांगखोंग में एक अन्य शिविर का दौरा करेगी।
सर्वे चाहता है विपक्ष
विपक्षी दल रविवार को मणिपुर की राज्यपाल से मुलाकात करने वाले हैं। खबर है कि दल मीटिंग के दौरान सर्वे की मांग रख सकते हैं। कांग्रेस सांसद चौधरी का कहना है, 'राज्यपाल से हमारी कई मांगें हैं। हम सर्वे कराना चाहते हैं और कोई भी फैसला लेने से पहले खुद भी बैठक करेंगे।'
क्या होगा एजेंडा
खबर है कि प्रतिनिधिमंडल सबसे पहले जमीनी हकीकत जानेगा और बाद में राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात करेंगे। इस दौरे पर सांसदों को दो समूहों में बांटा गया है, जो अलग-अलग क्षेत्र में पहुंचकर स्थिति को जानेंगे। दौरे पर पहुंच सांसद रिपोर्ट भी तैयार करेंगे, जिसपर संसद में चर्चा की मांग उठाई जाएगी। कहा जा रहा है कि विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को पत्र लिखकर दौरे की अनुमति मांगी थी, जो उन्हें मिल गई है।
ये सांसद शामिल
प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई और फूलोदेवी नेताम, जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह एवं अनिल हेगड़े, तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माजी, द्रमुक की कनिमोई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पीपी मोहम्मद फैजल, राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन और वीसीके पार्टी के टी थिरुमावलवन शामिल होंगे। इसके अलावा शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, भाकपा के संदोश कुमार, माकपा के ए ए रहीम, समाजवादी पार्टी के जोवद अली खान, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता, द्रमुक के डी रवि कुमार और आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर भी इस प्रतिनिमंडल का हिस्सा होंगे।
जनता दल यूनाइटेड के सांसद राजीव रंजन सिंह ने कहा, 'हम मणिपुर के लोगों से मिलेंगे। राज्य कई महीनों से जल रहा है और वहां शांति बहाल करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री मणिपुर को छोड़कर सभी मुद्दों पर बोल रहे हैं।' राष्ट्रीय जनता दल से सांसद मनोज झा ने कहा, 'हम मणिपुर के लोगों को सुनने और उनकी स्थिति को समझने की कोशिश कर रहे हैं… हम सभी समुदाय के लोगों को सुनने की कोशिश करेंगे। यह हमारा एकमात्र उद्देश्य है…।'
भाजपा पर आरोप
राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी पर मुद्दे को भटकाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, 'मणिपुर और यहां के लोगों का दर्द समझना प्रधानमंत्री मोदी की जिम्मेदारी है। वे अलग-अलग राज्यों में चुनाव प्रचार कर रहे हैं…हम मणिपुर जाएंगे और लोगों की समस्याएं समझेंगे…हमें उम्मीद है कि सरकार इसे सकारात्मक तरीके से लेगी और हम मदद करने जा रहे हैं, ना कि उनकी समस्याएं बढ़ाने के लिए। बीजेपी ने मुद्दे को भटकाने की कोशिश की और वे संसद में इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं हैं…।'
कांग्रेस सांसद चौधरी ने कहा, 'हम वहां राजनीतिक मुद्दे उठाने के लिए नहीं बल्कि मणिपुर के लोगों के दर्द को समझने के लिए जा रहे हैं। हम सरकार से मणिपुर में उभरी संवेदनशील स्थिति का समाधान खोजने की अपील कर रहे हैं…सरकार ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई है। हम मणिपुर में जमीनी स्तर पर वास्तविक स्थिति का आकलन करने जा रहे हैं।'