November 22, 2024

चाचा-भतीजे की मुलाकात में उलझा INDIA,पवार की खामोशी ने और बढ़ाई चिंता

महाराष्ट्र  

महाराष्ट्र में सियासत दिलचस्प होती जा रही है। इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस के सबसे अनुभवी नेता और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को लेकर खुद इंडिया गठबंधन के नेता उलझ गए हैं। वह यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर चाचा-भतीजे के बीच मुलाकात का मकसद क्या है। हालांकि,वह मानते हैं कि पवार का भाजपा के साथ जाना मुश्किल है।

दिलचस्प बात यह है कि शरद पवार और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार दोनों का कहना है कि इन मुलाकात के राजनीतिक मायने नहीं तलाशने चाहिए। बकौल शरद पवार, अजीत पवार से कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है, पर घटकदलों की धड़कने तेज हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के एक नेता के मुताबिक, शरद पवार को समझना बेहद मुश्किल है। इसलिए, मुलाकातों को लेकर सवाल है।

एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले का कहना है कि लोकतंत्र में अक्सर मतभेद होते रहते हैं लेकिन पारिवारिक रिश्ते अलग होते हैं और राजनीतिक विचार अलग होते हैं। शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के सांसद और वरिष्ठ नेता संजय राउत ने दावा किया कि शरद पवार अपने जीवन में कभी भी भाजपा के साथ नहीं जायेंगे। इन दावों और सफाई के बावजूद घटकदलों के कई नेता भरोसा नहीं कर पा रहे हैं।

गठबंधन के नेता ने कहा कि मुंबई में होने वाली इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस की बैठक काफी महत्वपूर्ण है। बैठक में शरद पवार को इंडिया गठबंधन का न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपे जाने की चर्चा है। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि पवार इन मुलाकात के बारे में चल रहे कयासों को खत्म करे। वह बताएं आखिर चाचा-भतीजे में क्या चल रहा है।

उन्होंने कहा कि यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि अभी तक यह साफ नहीं है कि चाचा और भतीजे के पास आखिर कितने विधायक और सांसद हैं। शरद पवार ने बिना नाम लिए धोखा देने वालों को सबक सिखाने की बात कही थी, पर इस दिशा में उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। पवार को उद्धव ठाकरे की तरह अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहिए था लेकिन पर उन्होंने ऐसा नहीं किया।

महाराष्ट्र विधानसभा और संसद का मानसून सत्र खत्म हो चुका है। संसद में कई मुद्दों पर वोटिंग भी हुई, पर एनसीपी ने कोई व्हिप जारी नहीं किया। राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल को लेकर भी एनसीपी ने कोई सवाल नहीं उठाया। इसलिए, शनिवार को पुणे में एक व्यवसायी के आवास पर शरद पवार और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के बीच हुई मुलाकात के बाद सवाल उठने जायज हैं।