November 22, 2024

भाजपा में नहीं मिली तवज्जो; पूर्व सलाहकार का दावा- एनडीए से गठबंधन को बेकरार उमर अब्दुल्ला की पार्टी

नई दिल्ली.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के पूर्व सलाहकार देवेंद्र सिंह राणा ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस भी भाजपा के साथ गठबंधन के लिए बेकरार थी। 2014 के बाद से वह जम्मू-कश्मीर में भाजपा के साथ गठबंधन करके सरकार बनाने का प्रस्ताव कई बार रख चुकी है। हालांकि भाजपा ने ही इस ऑफर को तवज्जो नहीं दी। बता दें कि हाल ही में फारूक अब्दुल्ला की पार्टी ने इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका दिया है। अब्दुल्ला ने प्रदेश में संभावित विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है।

हालांकि उमर अब्दुल्ला बार-बार कह रहे हैं कि वह इंडिया गठबंधन के साथ हैं और वह केवल भाजपा को हराना चाहते हैं।
देवेंद्र सिंह राणा ने बताया कि 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने का प्रयास किया था। उमर अब्दुल्ला औऱ राणा दोनों इसके लिए दिल्ली भी गए थे लेकिन भाजपा ने ही प्रस्ताव ठुकरा दिया। इसके बाद भाजपा ने पीडीपी के साथ गठबंधन करके सरकार बना ली। बता दें कि राणआ 2021 में ही नेशनल कॉन्फ्रेंस को छोड़ चुके हैं और अब भाजपा में हैं। उमर अब्दुल्ला जब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे उस वक्त 2009 से 2014 तक राणा उनके राजनीतिक सलाहकार थे। राणा के इस दावे को नेशनल कॉन्फ्रेंस ने खारिज किया है। एनसी के प्रवक्ता इमरान डार ने कहा, अब राणा के इस तरह के दावों को कोई मतलब नहीं रह जाता है। राणा ने कहा, पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ रहे मुफ्ती मोहम्मद के निधन के बाद 2017 में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भाजपा के सामने फिर से प्रस्ताव रखा। पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली गया लेकिन भाजपा ने फिर इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, यह सब पर्दे के पीछे हो रहा था। लेकिन पार्टियों ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए पहले जो कुछ किया वह आज भी सामने आ रहा है। वहीं 20 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी के जम्मू-कश्मीर दौरे को लेकर राणा ने कहा, पीएम मोदी देश को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है और वह जम्मू-कश्मीर के लिए बहुत काम कर रहे हैं।

बता दें कि बीते दिनों फारूक अब्दुल्ला ने भी कहा था कि देश बचाने के लिए जो भी करना पड़ेगा, वह करेंगे। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि अगर प्रधानमंत्री या गृह मंत्री मुलाकात के लिए बुलाते हैं तो कौन उनसे बात नहीं करना चाहेगा। अब्दुल्ला ने ऐलान कर दिया था कि लोकसभा और विधानसभा का चुनाव वह किसी भी पार्टी के साथ मिलकर नहीं लड़ेंगे। उन्होंने बताया कि इंडिया ब्लॉक में सीट शेयरिंग पर बात नहीं बन पाई इसीलिए अकेले लड़ने का फैसला किया गया है।

You may have missed