6 अरब के राशन घोटाले के लिए विधानसभा जांच समिति की घोषणा
रायपुर
छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डा. रमन सिंह के आदेश पर विधानसभा सचिव ने आखिरकार तत्कालीन खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के मंत्रित्व काल में छह अरब के राशन घोटाले के लिए विधानसभा जांच समिति की घोषणा कर दी। पांच सदस्यो की समिति के सभापति पूर्व खाद्य मंत्री पुन्नू लाल मोहिले को बनाया गया है। समिति में दो अन्य पूर्व मंत्री राजेश मूणत और विक्रम उसेंडी को रखा गया है। कांग्रेस के लखेश्वर बघेल और संगीता सिन्हा को जांच समिति में सदस्य बनाया है। समिति के सचिव दिनेश शर्मा, विधानसभा सचिव रहेंगे।
तत्कालीन खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कोरोना काल में मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत रसूकदार अधिकारियों की सलाह पर खाद्य संचालनालय के अधिकारियो के साथ मिली भगत की। प्रधान मंत्री खाद्यान्न सुरक्षा योजना का लाखो क्विंटल चांवल को ब्लैक मार्केट में बिकवा दिया। इस मुद्दे की पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने हमेशा जांच की मांग की थी। कोरोना काल खत्म हुआ तो खाद्य संचालनालय के अपर संचालक जिसका संबंध अनिल टुटेजा और सौम्या चौरसिया, निरंजन दास के साथ मिलकर राशन दुकानों में काला बाजारी का काम शुरू करवा दिया गया। चार साल तक राशन घोटाले का खेल चलता रहा। खाद्य संचालनालय का अपर संचालक ने तेरह हजार राशन दुकानों को साल भर के कोटे की तुलना में दो से तीन गुना अधिक चांवल का कोटा जारी कर छह अरब का राशन चांवल काला बाजार में पार करवा दिया।
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भूतपूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह ने विधानसभा में घोटाले पर खाद्य मंत्री से जवाब मांगा तो अमरजीत भगत उचित जवाब नहीं दे पाए। एक सप्ताह में राशन घोटाले में राशन दुकानों में बचे चावल की मात्रा की जानकारी का आश्वासन देकर मूकर गए। दो सत्र में जानकारी नहीं दी गई, तब डा. रमन सिंह ने केंद्र शासन को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच के लिए ईडी अथवा सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी। संचालनालय का अपर संचालक खुद को बचाने के लिए बोगस जानकारी भेज कर यह मान लिया कि मामला खत्म हो गया।
विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के हारने के बाद भाजपा सत्ता में आई तो बजट सत्र में धरमलाल कौशिक ने राशन घोटाले के मुद्दे को तारांकित प्रश्न 58 के माध्यम से उठाया। वर्तमान खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल को खाद्य संचालनालय का अपर संचालक द्वारा गलत जानकारी देकर सदन को गुमराह करने की जानकारी दी। राशन घोटाले के लिए पूर्व के संचालक (नाम का उल्लेख नहीं किया गया) का नाम जानकारी में दिया गया। खाद्य मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विधायक धरमलाल कौशिक, राजेश मूणत, अजय चंद्राकर सहित अनेक विधायको ने राशन घोटाले के लिए पूर्व शासन के मंत्री सहित अधिकारियो के विरुद्ध कार्यवाही और विधानसभा समिति से जांच की मांग करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से व्यवस्था देने का निर्देश दिया और विधान सभा समिति के द्वारा जांच कराए जाने की घोषणा हो गई।
विधान सभा समिति की पहली बैठक जून के दूसरे सप्ताह में आहूत किए जाने की संभावना है जिसमें जांच के बिंदु निर्धारित होंगे। जांच को प्रभावित करने वाला खाद्य संचलानालय के अपर संचालक सहित एनआईसी खाद्य की एक महिला अधिकारी पर गाज गिरने की संभावना है। बताया जाता है कि दोनो अधिकारियो ने घोटाले को दबाने के लिए साफ्टवेयर से तेरह हजार राशन दुकानों के घोषणा पत्र गायब कर दिए है। मैदानी अमले पर एफआईआर, निलंबन, विभागीय कार्यवाही की धमकी देकर बाजार से चांवल खरीद कर रखवाने का काम करवाया गया है। राजस्व वसूली के लिए बिना प्रकरण बनाए नोटिस जारी करवाया गया है।
खाद्य अधिकारी कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष रमेश चंद्र गुलाटी ने विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह से सौजन्य भेट कर छह अरब के राशन घोटाले की जांच के लिए विधान सभा समिति के गठन के लिए आभार व्यक्त करते हुए मांग किया है कि संचालनालय के अपर संचालक के रहते निष्पक्ष जांच संभव नहीं है अत: जांच शुरू होने से पहले ऐसे अधिकारियों को हटाया जाए। विधान सभा अध्यक्ष ने रमेश चंद्र गुलाटी को विधानसभा समिति के सदस्यो के साथ समन्वय बनाकर सहयोग करने के लिए कहा है।