आप पार्टी ने कहा- केजरीवाल ने जेल से बचाने को मांगी थी जीत पर दिल्ली ने दी हार
नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी (आप) ने लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीटों पर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों की हार का यह कहकर बचाव किया है कि जनता पुराने पैटर्न पर रही। आप ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की जनता भाजपा को चुनती है और विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को और एक बार फिर ऐसा ही हुुआ है। पार्टी ने दिल्ली में हार को लेकर केजरीवाल की उस अपील पर भी जवाब दिया है जिसमें उन्होंने जनता से कहा था कि उन्हें जेल से बचाने के लिए इंडिया गठबंधन को जिताएं।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने बुधवार को दिल्ली, पंजाब और देश के चुनावी नतीजों पर पार्टी का रुख साफ किया। उन्होंने जनादेश को मोदी सरकार के खिलाफ बताते हुए कहा कि भाजपा को 63 सीटें कम मिली हैं और वह बहुमत से दूर रह गई। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन ने मुश्किल परिस्थितियों के बावजूद अच्छा काम किया। उन्होंने इंडिया गठबंधन के प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि अंतरिम जमानत पर केजरीवाल बाहर निकले तो सिर्फ आम आदमी पार्टी नहीं बल्कि पूरे गठबंधन के लिए प्रचार किया।
पाठक ने कहा, 'जहां तक आम आदमी पार्टी की बात है तो पहले दिन से हमारा एक ही गोल था कि हम अहम नहीं हैं, देश जरूरी है। इसी भावना के साथ गठबंधन में आएं। अपनी पूरी ताकत के साथ गठबंधन के लिए काम किया। आप को भाजपा ने चुनौती दी थी कि इस चुनाव से पहले आप की पार्टी को तोड़ देंगे खत्म कर देंगे। इन्होंने हमारे सारे नेताओं को जेल में डाला। हमारे सबसे बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया। हमारे कार्यकर्ताओं को धमकाया। हमारे विधायकों को खरीदने की कोशिश की। सारे साजिशें की, उसके बाद भी नतीजा यह निकला कि जनता ने उन्हें नकार दिया।' पाठक ने इंडिया गठबंधन में पार्टी की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा हमारे नेता अरविंद केजरीवाल को 20 दिन का समय मिला। प्रचार के लिए कई राज्यों में गए। सभी दलों और नेताओं के लिए प्रचार किया। चंडीगढ़ में भी प्रचार के लिए गए। मैंने उन्हें पूछा कि, चंडीगढ़ में करना उपयोगी है क्या, तो उन्होंने कहा कि देश जरूरी है। आम आदमी पार्टी जरूरी नहीं है।
दिल्ली में हार को 'पैटर्न' से जोड़ा
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सभी सीटों पर हार का यह कहकर बचाव किया कि यह तो पैटर्न रहा है। पाठक ने कहा, 'दिल्ली का सेट पैटर्न है, लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट करती है, विधानसभा में अरविंद केजरीवाल को वोट करती दिखती है। वो अपने पैटर्न पर इस बार भी कायम रहे लेकिन इस बार जीत का अंतर कम रह गया है। इसलिए यह स्पष्ट है कि जनता पूरी तरीके से भाजपा को बदलने के लिए तैयार थी।' उन्होंने पंजाब में तीन सीटों पर जीत को अहम बताते हुए कहा कि 2019 में 7 फीसदी वोट और एक ही सीट मिली थी। उन्होंने कहा कि हरियाणा, असम और गुजरात में भले जीत नहीं मिली, लेकिन वोट काफी मिले।
क्या केजरीवाल के खिलाफ है जनता की राय?
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दिल्ली में प्रचार के दौरान दिल्ली की जनता से कहा था कि यदि वह उन्हें जेल में देखना चाहते हैं तो भाजपा को वोट दें और बाहर देखना चाहते हैं तो आम आदमी पार्टी को वोट दें। इसको लेकर एक सवाल के जवाब में आम आदमी पार्टी ने गोल पोस्ट बदल दिया और कहा कि केजरीवाल पर रेफरेंडम विधानसभा चुनाव में होगा। उन्होंने कहा, 'यह मैनडेट नरेंद्र मोदी बनाम इंडिया का था। यदि जनादेश किसी को स्पष्ट है तो नरेंद्र मोदी को है कि आपके नाम पर चुनाव लड़े थे, आपके कर्म पर लड़े थे, आपकी 63 सीटें कम आई हैं। जनादेश तो उनके ईर्द-गिर्द है। अरविंद केजरीवाल जी का जनादेश तब दिखेगा जब विधानसभा का चुनाव होगा, तब आप कह सकते हैं कि जनता जो निर्णय लेगी वह निर्णय होगा। मोदी अपने नाम पर चुनाव लड़े और सीटें कम आईं, प्रश्न है कि क्या वह इसको रेफरेंडम मानते हैं, नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।' गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव प्रचार के दौरान कई बार कहा कि यदि इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो वह अगले ही दिन जेल से बाहर आ जाएंगे। उन्होंने अपनी रिहाई के लिए दिल्ली की जनता से सातों सीटें पर जितवाने की अपील की थी। हालांकि, भाजपा ने लगातार तीसरी बार दिल्ली को 7-0 से जीत लिया।