November 13, 2024

अब तक एनटीए (NTA) ने उन्हें यह मुहैया नहीं कराया, नीट पेपर लीक मामले में बिहार, गुजरात और हरियाणा की घटनाएं

नई दिल्ली
NEET UG row 2024: पहली घटना- बिहार के पटना और नालंदा जिले में पांच मई को नीट पेपर लीक (NEET-UG Paper Leak) की घटना सामने आई। स्थानीय पुलिस ने इसमें कुछ लोगों को गिरफ्तारी की। साथ ही नीट पेपर के कुछ अधजला हिस्सा भी बरामद किए, जिसमें करीब 74 सवाल दिख रहे हैं। पुलिस ने एनटीए (NTA) से मूल प्रश्नपत्र मुहैया कराने को कहा, ताकि जांचा जा सके कि जो प्रश्न पत्र उन्हें मिला है वह सही या नहीं।

अब तक एनटीए (NTA) ने उन्हें यह मुहैया नहीं कराया है। दूसरी घटना- गुजरात के गोधरा में एक केंद्र पर पैसा लेकर छात्रों को नीट परीक्षा (NEET-UG Exam 2024) में पास कराने की घटना सामने आई है। हालांकि, स्थानीय प्रशासन को परीक्षा से ठीक पहले ही इसकी जानकारी लग जाती है और छापेमारी कर वह इनमें शामिल कोचिंग संचालक, स्कूल के प्रिंसिपल आदि को लोगों को पकड़ता है। उनके पास से दो करोड़ से अधिक के चेक और सात लाख रुपए कैश पकड़ा जाता है। जांच में जो सामने आया है, कि स्थानीय कोचिंग संचालक ने प्रिंसिपल के साथ कुछ बच्चों को पास कराने का ठेका लिया था। एनटीए ने उस प्रिंसिपल को स्थानीय स्तर पर परीक्षा का कोआर्डीनेटर बनाया था। इनमें एनटीए का पर्यवेक्षक भी शामिल था।

सवाल यह है कि गोधरा में तो स्थानीय प्रशासन ने पकड़ लिया। लेकिन क्या गारंटी है कि दूसरी जगहों पर ऐसा नहीं हुआ होगा। तीसरी घटना- हरियाणा में झज्जर के परीक्षा केंद्र में नीट परीक्षा के दौरान गलत पेपर खुलने और परीक्षा के दौरान छात्रों के समय के नुकसान की जानकारी एनटीए की ओर से दी जा रही है। इस दौरान छात्रों को इसकी भरपाई में ग्रेस मा‌र्क्स दिए जाते है। छात्रों के विरोध के बाद में उसे वापस भी ले लिया जाता है। वहीं, झज्जर के इस स्कूल की प्रिंसिपल अंशु यादव का कहना है कि उनके परीक्षा केंद्र पर किसी भी छात्र का एक मिनट का समय बर्बाद नहीं हुआ। ऐसे में इस केंद्र के छात्रों को फिर ग्रेस मा‌र्क्स देने का कहानी कैसे गढ़ी गई। खासबात यह है कि इसी केंद्र के छह छात्र ग्रेस मा‌र्क्स पाने के बाद टापर की सूची में आ गए थे। जिसके बाद विवाद और बढ़ा।

मेडिकल में दाखिले से जुड़ी परीक्षा
नीट -यूजी (नेशनल एलिजबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट-अंडर ग्रेजुएट) में गड़बड़ी का मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के सामने है। जो इसे आठ जुलाई को सुनेगा। लेकिन नीट परीक्षा से जुडी यह तीनों घटनाओं ने एनटीए पर सवाल खड़ा कर दिया है और एनटीए की चुप्पी से यह बढ़ता जा रहा है। वैसे भी अब तक बिहार के पटना व नालंदा, गुजरात के गोधरा और हरियाणा के झज्जर से जिन तरह की घटनाएं सामने आयी है, वह एनटीए पर आंख मूंद कर भरोसा करने वालों के लिए आंखे खोलने वाली है। खासकर गोधरा में जिस तरह से कोचिंग संचालक ने स्कूल प्रिंसिपल के साथ मिलकर छात्रों को पास कराने की योजना बनाई थी। उनसे पैसे लिए थे। जो बरामद भी हुए थे। यह वही स्कूल प्रिंसिपल था जिसे एनटीए ने अपना परीक्षा कोआर्डिनेटर बना रखा था। उसके पास ही परीक्षा को ठीक ढंग से संचालित करने की जिम्मेदारी थी।

यही नहीं जांच में अब तक जो सामने आया है, उसके तहत इनमें एनटीए का पर्यवेक्षक भी शामिल है। शुक्रवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान से मिलने उनके दफ्तर पहुंचे छात्रों और अभिभावकों ने उनसे सवाल किया कि जब गोधरा(गुजरात) में ऐसी घटना हो सकती है तो दूसरे शहरों में क्यों नहीं। एनटीए के पास कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। गोधरा में योजना के तहत पैसा लेकर छात्रों से कहा गया था उन्हें जो सही सवाल आए वह उसके जवाब ओएमआर सीट में अंकित कर दें, बाकी सवालों की जगह छोड़ दें। हम बाद में उसे भर देंगे।

छात्रों ने केंद्रीय मंत्री के सामने इसी तरह से बिहार और हरियाणा का भी मुद्दा प्रमुखता से रखा। साथ ही इन सारी गडबड़ी की जानकारी भी दी। सूत्रों की मानें तो इन गड़बडि़यों से जुड़ी जानकारी समझने के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री भी सख्त हुए हैं और एनटीए को जवाबदेह बनाने की बात कही है। सूत्रों का दावा तो यह भी है कि एनटीए को पांच जून को ही कई राज्यों से पेपर लीक होने की जानकारी अलग-अलग एजेंसियों के जरिए मिल गई थी, लेकिन वह सभी को खारिज करती रही। एनटीए फिलहाल जेईई, नीट, यूजीसी नेट, सीयूईटी, क्लैट जैसी दर्जनों परीक्षाएं कराता है और इसके जरिए लगभग दो करोड़ बच्चे परीक्षा देते हैं। ऐसी स्थिति में एनटीए को अपनी योग्यता के साथ साथ पारदर्शिता साबित करनी ही होगी।