November 22, 2024

न्यू जलपाईगुड़ी रेल हादसा, सिग्नल अनदेखी बनी हादसे की वजह, रेलवे अधिकारी ने किया खुलासा

कलकत्ता

पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी में मालगाड़ी और कंचनजंगा एक्सप्रेस की टक्कर में अब तक 15 लोगों की मौत हो गई है जबकि 25 लोग घायल बताए जा रहे हैं. मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मारी थी. अब पता चला है कि ट्रेन के लोको पायलट ने सिग्नल को नजरअंदाज किया था.

रेलवे बोर्ड की चेयरमैन जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि आज कंचनजंगा ट्रेन का एक्सीडेंट हुआ है. मालगाड़ी के ड्राइवर ने यात्री ट्रेन को टक्कर मारी. शुरुआती जानकारी से पता चला है कि मालगाड़ी के चालक ने सिग्नल की अनदेखी की थी. इस वजह से पैसेंजर ट्रेन के सबसे पीछे का गार्ड का डिब्बा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और आगे दो पार्सल वैन के डिब्बे थे, जो क्षतिग्रस्त हुए.

उन्होंने बताया कि बचाव कार्य पूरा कर लिया गया है. मालगाड़ी के ड्राइवर (लोको पायलट) ने सिग्नल को पूरी तरह से नजरअंदाज किया था. इस दुर्घटना में मालगाड़ी के चालक और कंचनजंगा के गार्ड की भी मौत हुई है. अगरतला-सियालदाह रूट पर सभी रेलवे स्टेशनों पर हेल्प डेस्क बनाए गए हैं.

मालगाड़ी को रुकना चाहिए था, रेलवे बोर्ड की सीईओ का बयान

 रेलवे बोर्ड की चेयरपर्सन और सीईओ जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि पीछे से आ रही मालगाड़ी को रुकना चाहिए था। फिर भी ट्रेन नहीं रुकी तो यह जांच का विषय है। इस मामले में दिक्कत यह है कि मालगाड़ी के चालक की भी मौत हो चुकी है।
 कंचनजंगा रेल हादसे पर रेलवे बोर्ड की चेयरपर्सन और सीईओ जया वर्मा सिन्हा ने कहा, 'इस घटना के मामले में ऐसा लगता है कि मानवीय गलती थी। शुरुआती जांच में पता चलता है कि यह मसला सिग्नल को नजरअंदाज कर ट्रेन को आगे बढ़ाने का है।' उन्होंने कहा कि हमें 'कवच' सिस्टम को बढ़ाना होगा, जिसके चलते ट्रेनों की भिड़ंत को टाला जा सकता है।

न्यू जलपाईगुड़ी से 30 किलोमीटर दूर हादसा, स्टेशन पर खड़ी थी ट्रेन

 उत्तर बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से लगभग 30 किलोमीटर दूर इस घटनास्थल पर बचाव कार्य जारी है और घायलों को निकटवर्ती अस्पतालों में पहुंचाया जा रहा है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "ट्रेन दुर्घटना में अब तक 15 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 60 लोग घायल हैं। इससे पहले, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे जोन में हुआ। बचाव अभियान युद्ध स्तर पर चल रहा है। रेलवे, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) समन्वय के साथ काम कर रहे हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।'

 कंचनजंगा रेल हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को मदद का ऐलान

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी के समीप ट्रेन हादसे पर गहन दुख जताया और मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपए तथा घायलों को 50-50 हजार रूपये अनुग्रह राशि दिये जाने की घोषणा की। मोदी ने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा , 'पश्चिम बंगाल में रेल दुर्घटना दुखद है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति संवेदना। मैं प्रार्थना करता हूँ कि घायल लोग जल्द से जल्द ठीक हो जाएँ। अधिकारियों से बात की और स्थिति का जायजा लिया। प्रभावितों की सहायता के लिए बचाव कार्य जारी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव जी भी दुर्घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं।'

प्रथम दृष्टया मानवीय चूक का मामला

सिन्हा ने बताया कि प्रथम दृष्टया इस दुर्घटना में मानवीय चूक सामने आई है. लेकिन सही जानकारी जांच पूरी होने के बाद ही पता चलेगी. हमारी पूरी कोशिश है कि ट्रेन दुर्घटनाओं को रोका जा सके, इसके लिए कवच हमारी प्राथमिकता है. इसे मिशन मोड में बढ़ाया जा रहा है.

कैसी हुई दुर्घटना?

त्रिपुरा के अगरतला से कोलकाता के सियालदाह जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस को एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी. ये घटना सोमवार सुबह 8.55 बजे हुई. न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से लगभग सात किलोमीटर दूर रंगापानी स्टेशन के पास खड़ी कंचनजंगा एक्सप्रेस को मालगाड़ी ने सिग्नल की अनदेखी कर टक्कर मार दी. मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मारी. इस घटना में कुल आठ लोगों की मौत हुई है, जिसमें तीन रेलवे कर्मचारी जबकि पांच यात्री हैं. इस घटना में लगभग 50 लोग घायल हैं.

बता दें कि ये टक्कर सोमवार सुबह नौ बजे के आसपास उस समय हुई, जब 13174 कंचनजंगा एक्सप्रेस अगरतला से सियालदाह जा रही थी. इस टक्कर में कंचनजंगा एक्सप्रेस के दो डिब्बे डिरेल हो गए. हर तरफ चीख-पुकार मच गई. टक्कर लगने की वजह से ट्रेन की बोगियां पटरी से उतर गईं.

लोको पायलट अनिल की हादसे में मौत, साथी मोनू अस्पताल में भर्ती

 न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से 11 किलोमीटर पश्चिम दिशा में स्थित निजबाड़ी रेलवे स्टेशन पर खड़ी कंचनजंगा एक्सप्रेस और मालगाड़ी के बीच भीषण टक्कर में जख्मी हुए मालगाड़ी के सहायक लोको पायलट मोनू कुमार का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है ।  रेलवे एम्पलाई यूनियन के से उनकी स्थिति को जानने का प्रयास किया तो अचानक सहायक लोको पायलट पूछ बैठे कि मेरा ट्रेन का चालक अनिल भाई जी कैसे हैं। सुनते ही रेलकर्मी को समझ में नहीं आया कि वह क्या बताएं बाकी अपनी स्थिति पर नियंत्रण करते हुए रेलकर्मी ने कहा कि चालक ट्रेन के इंजन के अंदर फंसे हुए हैं उन्हें बाहर निकाला जा रहा है । इसके बाद मोनू काफी चिंतित हो गए और कहां की घटना की जानकारी उनके परिजन को अभी नहीं दिया जाए। इसके बाद यूनियन के कर्मी ने सहायक लोको पायलट को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया ।इधर रेलवे इंप्लाइज यूनियन के मंडल सचिव रुपेश कुमार ने घटना के प्रति कभी दुख जताया है जख्मी रेल कर्मियों को जल्द स्वस्थ होने की कामना ईश्वर से की है वही हादसे में  कंचनजंगा एक्सप्रेस के गार्ड और मालगाड़ी के लोको पायलट की मौत पर दुख जताया है ।