November 15, 2024

मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा, UPSC से जुड़े कई घोटाले राष्ट्रीय चिंता का विषय हैं

नई दिल्ली
प्रशिक्षु आईएएस पूजा खेडकर से संबंधित विवाद के बीच यूपीएससी अध्यक्ष मनोज सोनी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने भाजपा-आरएसएस पर भारत के संवैधानिक निकायों के "संस्थागत अधिग्रहण" में व्यवस्थित रूप से शामिल होने का आरोप लगाया और कहा कि यूपीएससी को परेशान करने वाले कई घोटाले "राष्ट्रीय चिंता" का कारण हैं।

यूपीएससी में हुए कई घोटाले राष्ट्रीय चिंता का कारण
खरगे ने पोस्ट करते हुए कहा, "भाजपा-आरएसएस भारत के संवैधानिक निकायों के संस्थागत अधिग्रहण में व्यवस्थित रूप से शामिल हैं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा, अखंडता और स्वायत्तता को नुकसान पहुंच रहा है! यूपीएससी में हुए कई घोटाले राष्ट्रीय चिंता का कारण हैं। पीएम मोदी और उनके कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्री को सफाई देनी चाहिए। जाति और मेडिकल प्रमाणपत्रों में फर्जीवाड़ा करने वाले अयोग्य व्यक्तियों के कई मामलों ने एक 'फुलप्रूफ' सिस्टम को धोखा दिया है।"

यूपीएससी अध्यक्ष के इस्तीफे को गुप्त क्यों रखा?
उन्होंने आगे कहा कि यह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उम्मीदवारों सहित लाखों अभ्यर्थियों की वास्तविक आकांक्षाओं का सीधा अपमान है, जो सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी में रात-दिन कड़ी मेहनत करते हैं। उन्होंने कहा, "यह बहुत ही निराशाजनक है कि यूपीएससी अध्यक्ष ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से पांच साल पहले ही इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे को एक महीने तक क्यों गुप्त रखा गया? क्या कई घोटालों और इस्तीफे के बीच कोई संबंध है? मोदी जी के इस 'नीली आंखों वाले रत्न' को गुजरात से लाया गया और यूपीएससी के अध्यक्ष के रूप में पदोन्नत किया गया।"

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शासन के हर पहलू को नियंत्रित करने के हताशापूर्ण प्रयास ने इसमें छेद कर दिया है। उन्होंने कहा, "सरदार वल्लभभाई पटेल जी ने सिविल सेवकों को 'भारत का स्टील फ्रेम' कहा था, लेकिन मोदी सरकार के शासन के हर पहलू को नियंत्रित करने के हताश प्रयास ने उसमें छेद कर दिया है! इसकी उच्चतम स्तर पर गहन जांच की जानी चाहिए ताकि यूपीएससी प्रवेश में धोखाधड़ी के ऐसे मामले भविष्य में न हों।"

इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया- DoPT
यूपीएससी के अध्यक्ष मनोज सोनी ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से लगभग पांच वर्ष पहले "व्यक्तिगत कारणों" का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सूत्रों ने बताया कि, "यूपीएससी के चेयरमैन मनोज सोनी ने निजी कारणों से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। यह एक लंबी प्रक्रिया है।" प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ लगे आरोपों के बाद यूपीएससी गंभीर सवालों का सामना कर रहा है, जिन पर सिविल सेवा में प्रवेश पाने के लिए कथित तौर पर जाली पहचान पत्र तैयार करने का आरोप है।