November 22, 2024

CM, मंत्री, और मुख्य सचिव नहीं लेंगे 2 महीने की सैलरी; आर्थिक संकट पर प्रदेश सरकार का बड़ा ऐलान

शिमला
 हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य की खराब आर्थिक स्थिति से निपटने के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने खुद, अपने विधानसभा क्षेत्र के सदस्यों और मुख्य संसदीय सचिवों के साथ मिलकर अगले दो महीने तक अपना वेतन और भत्ते नहीं लेने का फैसला किया है। उन्होंने विधानसभा के अन्य सदस्यों से भी अपील की है कि वे स्वेच्छा से अपना वेतन और भत्ते छोड़कर राज्य के इस संकट में मदद करें। यह घोषणा मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सत्र के दौरान की। उन्होंने राज्य की आर्थिक स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कई कारणों से राज्य की आर्थिक स्थिति बेहद नाजुक है।

'राजस्व में भारी कमी का सामना करना पड़ रहा'
मुख्यमंत्री ने कहा कि जून 2022 के बाद जीएसटी मुआवजे के बंद होने से भी राज्य को राजस्व में भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। इससे राज्य को सालाना लगभग 2,500-3,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल करने से भी राज्य की उधार लेने की क्षमता में लगभग 2,000 करोड़ रुपये की कमी आई है। इन सभी चुनौतियों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि मौजूदा आर्थिक संकट से उबरना आसान नहीं होगा। उन्होंने विधानसभा को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार राजस्व बढ़ाने और अनुत्पादक व्यय को कम करने के लिए प्रयास कर रही है। परंतु इन प्रयासों के परिणाम आने में समय लगेगा।

'केंद्र सरकार नहीं कर रही सहयोग'मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि वर्ष 2023-24 में राजस्व घाटा अनुदान 8,058 करोड़ था, जिसे इस वर्ष घटाकर 6,258 रुपये करोड़ कर दिया गया है। यानी 1,800 करोड़ रुपये की कमी आई है। अगले वर्ष (2025-26) में इस अनुदान में और 3,000 करोड़ की कमी आने की आशंका है, जिससे यह घटकर केवल 3,257 करोड़ रह जाएगा। सुक्खू ने आपदा के बाद की जरूरतों के आकलन (PDNA) का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इसके तहत राज्य को 9,042 करोड़ की आवश्यकता है, लेकिन केंद्र सरकार से अभी तक कोई धनराशि प्राप्त नहीं हुई है। इसके अलावा, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत लगभग 9,200 करोड़ का योगदान पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) से मिलना बाकी है। इसके लिए केंद्र सरकार से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

हिमाचल विधानसभा के सदस्यों का वेतन कितना?

हिमाचल विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या 68 है. hpvidhansabha.nic.in पर जो जानकारी उपलब्ध है उसके अनुसार, विधायकों का मूल वेतन 55 हजार रुपये प्रति माह है. टेलीफोन भत्ते के रूप में 15 हजार रुपये हर माह इन्हें दिए जाते हैं. निर्वाचन क्षेत्र भत्ते के रूप में 90 हजार रुपये हर महीने मिलते हैं. 15 हजार रुपये डाटा ऑपरेटर भत्ता व 30 हजार रुपये कार्यालय भत्ता भी विधायकों को मिलता है.
हिमाचल प्रदेश के सीएम और मंत्रियों का वेतन कितना है?

हिमाचल प्रदेश के सीएम का मूल वेतन सबसे ज्यादा है. मूल वेतन के रूप में 95 हजार रुपये प्रदेश के मुखिया को मिलते हैं. उनका कुल वेतन 2.69 लाख रुपये प्रति माह है. वहीं मंत्रियों का वेतन 2.54 लाख रुपये प्रति महीने है.

कितना वेतन हैं विधानसभा अध्यक्ष का?

हिमाचल प्रदेश विधानसभा की वेबसाइट पर जो जानकारी उपलब्ध है उसके अनुसार,विधानसभा अध्यक्ष का मूल वेतन बेशक अस्सी हजार रुपये प्रति माह है, लेकिन अन्य भत्तों को जोड़ा जाए तो ये रकम 2.54 लाख रुपये हो जाती है. विधानसभा अध्यक्ष को कंपनसेटरी अलाउंस के तौर पर 5 हजार रुपये हर महीने दिए जाते हैं. हाल्टिंग अलाउंस 54 हजार रुपये महीना है. टेलीफोन भत्ता 20 हजार रुपये जबकि सत्कार भत्ते के रूप में 95 हजार रुपये प्रति माह उन्हें मिलते हैं.

कितना वेतन हैं डिप्टी स्पीकर का?

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के डिप्टी स्पीकर का मूल वेतन 75 हजार रुपये है. अन्य भत्ते विधानसभा अध्यक्ष की तरह ही है. एक महीने का मूल वेतन व भत्ते मिलाकर 2.49 लाख रुपए वेतन उन्हें मिलता है.