November 22, 2024

किरेन रिजिजू ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा- राहुल गांधी जैसे इंसान का नेता प्रतिपक्ष होना देश के लिए एक ‘श्राप’

नागपुर
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनना देश के लिए 'श्राप' है। उन्होंने नागपुर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "राहुल गांधी जैसे इंसान का नेता प्रतिपक्ष होना देश के लिए एक 'श्राप' है। जिस व्यक्ति ने न तो संविधान को पढ़ा है, और न ही संविधान की मूल भावनाओं को समझता है, जिसके पूरे परिवार ने बाबा साहब अंबेडकर का अपमान किया है, उसके मुंह से संविधान शब्द का निकलना भी अपमान है। मैं यह मानता हूं कि ऐसे इंसान का संविधान की किताब पर हाथ रखना भी उचित नहीं है। यह तो हमारे देश की बदकिस्मती है कि ऐसा आदमी नेता प्रतिपक्ष बन गया है और मुझे उनसे सरोकार रखना पड़ता है।"

उन्होंने आगे कहा, "मेरे अपने एससी/एसटी समुदाय के लोग, बौद्ध समाज के लोग राहुल गांधी को रिसीव करने जाते हैं तो उनकी जयकार करते हैं। धिक्कार है। शर्म आनी चाहिए। मैं मानता हूं कि ऐसा नहीं होना चाहिए। मैं देश में पहला बौद्ध कैबिनेट मंत्री हूं। इतना समय इंतजार करना पड़ा। जब मोदी प्रधानमंत्री बने तो हमें सत्ता संचालन में हिस्सेदार बनने का मौका मिला। कांग्रेस को 70 साल तक सत्ता में रहते हुए केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बनाने के लिए कोई बौद्ध नजर नहीं आया।"

केंद्र सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रिजिजू ने बताया कि वक्फ संशोधन विधेयक को सरकार ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा है। समिति दौरा कर रही है। हमने जब जेपीसी बनाया तो उसमें एक प्रावधान किया था कि अगले शीतकालीन सत्र में इस विधेयक को पेश किया जाएगा। हम सिफारिशों का अध्ययन करेंगे कि क्या परिवर्तन किया जा सकता है। हम विधेयक को पारित कराने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।

भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि वक्फ विधेयक को लेकर जेपीसी में चर्चा हो रही है। अगर सरकार इस विधेयक को पहले ही पास कराना चाहती, तो उसके पास लोकसभा और राज्यसभा में पर्याप्त बहुमत है। इस विधेयक को जेपीसी के पास भेजने का मतलब है कि समिति के सभी 31 सदस्य विधेयक को गहराई से समझें और अपनी राय प्रस्तुत करें।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह विधेयक किरेन रिजिजू ने पेश किया था। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का उचित ढंग से प्रबंधन करना है। सरकार की कोशिश है कि इस विधेयक के जरिये आम मुसलमानों, खासकर महिलाओं और बच्चों के लिए शिक्षा तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार किया जा सके।