सरकारी स्कूलों में भी पहली बार प्री बोर्ड परीक्षा का आयोजन
कोरबा
निजी स्कूलों के तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों में भी पहली बार प्री बोर्ड परीक्षा का आयोजन होगा। विद्यार्थियों को परीक्षा के पूर्णरूप से तैयार करने के उद्देश्य से इसका आयोजन जनवरी के तीसरे सप्ताह में किया जाएगा। सभी हाई और हायर सेकेंडरी सरकारी स्कूलों में प्री बोर्ड के पहले शत प्रतिशत कोर्स पूरा करना होगा।
सरकारी स्कूलों ने प्री बोर्ड की तैयारी शुरू की
निजी स्कूलों के संचालक परीक्षा परिणाम बेहतर करने कई तरह के उपाय अपनाते हैं। वहीं लेकिन सरकारी स्कूलों में इस तरह के उपाय नहीं अपनाए जाते।
जिसके कारण कई बार सरकारी स्कूल के बच्चे पिछड़ जाते हैं। निजी स्कूल की तुलना में सरकारी शिक्षकों पर अधिक खर्च किए जानेते है।
इस के बाद भी अधिकांश स्कूलों में परीक्षा परिणाम निराशाजनक रहता है। व्यवस्था को सुधारने और परीक्षा परिणाम बेहतर का है यह प्रयास।
उद्देश्य से सरकार ने प्री-बोर्ड को शासन ने अनिवार्य कर दिया है। सभी सरकारी स्कूलों ने प्री बोर्ड की तैयारी शुरू कर दी है।
अच्छे परिणाम के उद्देश्य से प्री-बोर्ड को शासन ने अनिवार्य कर दिया है। सभी सरकारी स्कूलों ने प्री बोर्ड की तैयारी शुरू कर दी है।
प्री बोर्ड के लिए प्रदेश के सभी डीईओ को दसवीं और बारहवीं का सिलेबस 10 जनवरी तक पूरा करने के लिए कहा गया है।
सरकारी आदेश में इस बात का भी उल्लेख है कि सभी डीईओ अभी से प्रत्येक स्कूलों में अभी से तैयारी कर ले।
प्रश्न पत्र तैयार करने के लिए विषयवार समिति का गठन किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा मंडल निर्धारित ब्लू प्रिंट के अनुसार प्रश्नपत्र तैयार किया जाएगा। गोपनीयता की अनिवार्यता भी तय की गई है। अध्यापन स्तर सुधारने के लिए जिला शिक्षा विभाग ने औचक निरीक्षण शुरू कर दिया है। बिना सूचना के स्कूलों में अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी की जा रही है। ज्यादातर स्कूलों में अभी कोर्स अधूरा दिवाली व दशहरा की छुट्टी के बाद अब स्कूलों में पढ़ाई रफ्तार पकड़ने लगी है।
अतिथि शिक्षकों की भर्ती
फिलहाल दसवीं बारहवीं बोर्ड की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई है। माह भर पहले ही हिंदी माध्यम सरकारी स्कूलों में 118 अतिथि शिक्षकों की भर्ती हुई है। शिक्षकों में हाल ही में अध्यापन शुरू किया है। निजी शिक्षकों को दूसरी गतिविधियों में लगा दिया गया है।
कई शिक्षकों की ड्यूटी बीएलओ में लगाया गया है, तो कई शिक्षक अन्य गतिविधियों में शामिल हैं। ऐसे में कोर्स पूरा करने शिक्षकों पर भी दबाव है। शिक्षकों के हड़ताल और उनके निजी अवकाश का भी असर बच्चों की पढ़ाई में देखा जा रहा है। यदि एक माह में पढ़ाई नहीं होती है तो छात्रों को प्री बोर्ड परीक्षा में शामिल होने कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
स्वामी आत्मानदं स्कूलों को शिक्षको की भर्ती का इंतजार
जिले में केंद्रीय पाठ्यक्रम बोर्ड के तहत संचालित हो रही 15 अंग्रेजी माध्यम स्वामी आत्मानंद स्कूलों में शिक्षकों के 121 पद खाली है। आधा शिक्षा सत्र बीतने के बाद अब जाकर शिक्षकों की भर्ती की अनुमति मिली है। केंद्रीय शिक्षा बोर्ड से संबद्ध हिंदी माध्यम के आत्मानंद स्कूलों में 20 शिक्षक के पद अब भी खाली हैं।
समय रहते शिक्षकों की व्यवस्था नहीं किए जाने से यहां अध्ययनरत बच्चों के अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। पसान आत्मानंद स्कूल में शिक्षक नहीं होने की शिकायत लेकर गांव के बच्चे पखवाड़े भर पहले कलेक्टोरेट पहुंच गए थे। जिला शिक्षा अधिकारी ने उन्हे आश्वासन देकर वापस भेजा था।