विश्व U17 में भारतीय पहलवान बना गोल्ड की रेस का दावेदार

नईदिल्ली 

भारत के युवा पहलवानों ने अंडर-17 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में दमदार प्रदर्शन करते हुए देश का सिर गर्व से ऊंचा किया है। लैकी (110 किग्रा फ्रीस्टाइल) ने शुक्रवार को शानदार प्रदर्शन करते हुए टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बना ली और अब वे वर्ल्ड चैंपियन बनने से सिर्फ एक जीत दूर हैं।

लैकी ने जापान, जॉर्जिया और ईरान के रेसलर को दी शिकस्त

लैकी ने अपने अभियान की शुरुआत जापान के हान्टो हयाशी को तकनीकी श्रेष्ठता से हराकर की, जिसके बाद उन्होंने जॉर्जिया के मुर्तज बागदावद्जे को 8-0 से मात देकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। सेमीफाइनल में उनका सामना कुश्ती के दिग्गज देश ईरान के अमीरहुसैन एम. नागदालीपुर से हुआ, जहां लैकी ने एक बार फिर शानदार तकनीकी कौशल का प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की। अब फाइनल में लैकी का मुकाबला UWW (यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग) के बैनर तले खेल रहे मैगोमेद्रसुल ओमारोव से होगा। यह मुकाबला उनके करियर का सबसे बड़ा पल साबित हो सकता है।

गौरव के पास ब्रॉन्ज मेडल जीतने का मौका

एक अन्य भारतीय पहलवान गौरव पूनिया ने भी शानदार शुरुआत की। उन्होंने अपने पहले दो मुकाबले बिना कोई अंक गंवाए तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर जीतकर अपनी ताकत का परिचय दिया। लेकिन क्वार्टर फाइनल में अमेरिका के आर्सेनी किकिनियो से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, अमेरिकी पहलवान के फाइनल में पहुंचने के कारण, गौरव पूनिया को रेपेचेज राउंड में दोबारा मौका मिला है। अगर वे अब अपने दो मुकाबले जीतते हैं, तो ब्रॉन्ज मेडल उनके नाम हो सकता है।

शिवम और जयवीर की चुनौती खत्म

48 किग्रा वर्ग में भारत के शिवम ने भी अच्छी लड़ाई लड़ी, लेकिन वह कजाकिस्तान के सबिरजान राखातोव से 6-7 से बेहद करीबी मुकाबले में हार गए। बदकिस्मती से, राखातोव बाद में हार गए, जिससे शिवम के लिए रेपेचेज़ का दरवाज़ा भी बंद हो गया। 55 किग्रा वर्ग में जयवीर सिंह ने अपने पहले मैच में स्थानीय खिलाड़ी इयोनिस केसिडिस को तकनीकी श्रेष्ठता से हराया। हालांकि, क्वार्टर फाइनल में उन्हें अमेरिका के ग्रेटन एफ. बर्नेट के खिलाफ 0-3 से हार का सामना करना पड़ा। चूंकि बर्नेट सेमीफाइनल में हारकर बाहर हो गए, इसलिए जयवीर के लिए भी पदक की उम्मीदें समाप्त हो गईं।