हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: एल्विश यादव के खिलाफ ट्रायल पर रोक, सरकार और शिकायतकर्ता से जवाब तलब

 नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर एल्विश यादव को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ चल रही सांप के जहर से जुड़ी आपराधिक कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगा दी है। एल्विश यादव ने इस मामले में चार्जशीट और मुकदमे की प्रक्रिया को चुनौती दी थी। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। अब अगली सुनवाई तक निचली अदालत में मामले की सुनवाई नहीं होगी।

क्या है मामला?
नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव समेत कुछ लोगों पर सांप का जहर पार्टी में इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया था। आरोप था कि उन्होंने एक पार्टी में अवैध तरीके से सांपों और जहर का इस्तेमाल किया था। इस मामले में वन विभाग और पुलिस की जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की गई थी। एल्विश यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उनके खिलाफ गलत और बिना सबूत के आरोप लगाए गए हैं। उनका कहना है कि वे निर्दोष हैं और उन्हें झूठा फंसाया गया है।

यूपी सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी
न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने मामले में अपने खिलाफ आरोपपत्र और आपराधिक कार्यवाही को चुनौती देने वाली एल्विश यादव की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता को नोटिस जारी किया। शीर्ष अदालत इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ यादव की अपील पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। आरोपपत्र में विदेशियों समेत अन्य लोगों की तरफ से रेव पार्टियों में मनोरंजन के लिए साँप के जहर का सेवन करने का आरोप लगाया गया है।

पिछले साल मार्च में नोएडा पुलिस ने किया था गिरफ्तार
एल्विश यादव को पिछले साल मार्च में नोएडा पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया था। मामले में उनके वकील ने उच्च न्यायालय में तर्क दिया था कि आवेदक और सह-आरोपी के बीच कोई कारणात्मक संबंध स्थापित नहीं होने के अलावा, उसके पास से कोई सांप, मादक या मनोविकारजनक पदार्थ बरामद नहीं हुआ था। वकील ने आगे कहा था कि हालांकि सूचना देने वाला अब पशु कल्याण अधिकारी नहीं है, फिर भी उसने खुद को पशु कल्याण अधिकारी बताते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। एल्विश यादव को एक जाने-माने प्रभावशाली व्यक्ति और टेलीविजन पर कई रियलिटी शो में दिखाई देने वाला व्यक्ति बताते हुए वकील ने कहा था कि एफआईआर में उनकी संलिप्तता ने मीडिया का बहुत ध्यान आकर्षित किया है।