December 1, 2025

भाग्य बदल सकता है! वास्तु के मुताबिक ये 9 चीजें कभी न दें गिफ्ट

वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ उपहार अशुभ माने जाते हैं। जानिए कौन सी 9 चीजें गिफ्ट में नहीं देनी चाहिए, वरना भाग्य हो सकता है नाराज़। वास्तु शास्त्र और उपहार का आपस में गहरा संबंध हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र के अनुसार हर उपहार शुभ नहीं होता। कई बार हम अनजाने में ऐसी चीजें गिफ्ट कर देते हैं जो देखने में सुंदर तो लगती हैं, लेकिन वास्तु दृष्टि से अशुभ मानी जाती हैं। ऐसी वस्तुएं आपके जीवन में नकारात्मक ऊर्जा, आर्थिक संकट और रिश्तों में दूरी ला सकती हैं। इसलिए शुभता बनाए रखने के लिए इन 9 चीजों को कभी गिफ्ट में न दें।

वास्तु टिप्स
अगर किसी कारणवश ये वस्तुएं गिफ्ट करनी ही हों तो प्रतीकात्मक रूप से रुपए 1 देकर उनका दोष कम किया जा सकता है।

 इन 9 चीजों को कभी न करें गिफ्ट, नहीं तो रूठ जाएगा भाग्य

चमड़े या हड्डी से बनी वस्तुएं
वास्तु के अनुसार, जानवर की चमड़ी या हड्डी से बने सामान अशुद्ध माने जाते हैं। इन्हें गिफ्ट करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और भाग्य कमजोर होता है।

देवी-देवताओं की मूर्तियां या शिवलिंग
ईश्वर की मूर्तियां, शिवलिंग या पवित्र प्रतीक गिफ्ट करना शुभ नहीं होता। अगर सामने वाला व्यक्ति उनकी उचित देखभाल न करे तो उसका दोष दान करने वाले को लगता है।

कांटेदार या मनी प्लांट पौधा
कांटेदार पौधे विवाद का प्रतीक माने जाते हैं। वहीं मनी प्लांट गिफ्ट करना अपनी समृद्धि दूसरों को सौंपने के समान माना गया है।

धारदार वस्तुएं जैसे चाकू या कैंची
वास्तु के अनुसार, ऐसी चीजें रिश्तों में कटाव और मनमुटाव का कारण बनती हैं। इसलिए इन्हें गिफ्ट में देने से बचना चाहिए।

काले रंग की वस्तुएं
काला रंग राहु का प्रतीक है और यह नकारात्मकता को आकर्षित करता है। काले कपड़े, जूते या छाता गिफ्ट करना अशुभ होता है।

गणेश-लक्ष्मी छवि वाले सिक्के या वस्तुएं
ऐसे गिफ्ट से घर की लक्ष्मी और शुभ लाभ ऊर्जा दूसरे को चली जाती है। यह आर्थिक हानि का कारण बन सकता है।

परफ्यूम या सुगंधित वस्तुएं
मान्यता है कि परफ्यूम गिफ्ट करने से व्यक्ति के बीच दूरी और गलतफहमियां बढ़ती हैं।

घड़ी
घड़ी गिफ्ट करने का अर्थ है अपना शुभ समय किसी और को दे देना। वास्तु में इसे अशुभ माना गया है।

जल तत्व से जुड़ी चीजें
एक्वेरियम, झरना, पानी के जग या महाभारत जैसे चित्र नकारात्मक प्रभाव डालते हैं और आर्थिक रुकावटें बढ़ाते हैं।