स्पेस से धरती पर गिरा 25 टन का अनियंत्रित चीनी रॉकेट, तीसरी बार चीन की बदमाशी से बचे लोग

वॉशिंगटन
दुनिया को कोरोना वायरस से परेशान करने वाला चीन पूरी दुनिया के लिए मुसीबत बनता जा चुका है और अपने अंधाधुंध स्पेस प्रोग्राम की वजह से चीन ने लगातार तीसरी बार सैकड़ों लोगों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया था। अंतरिक्ष में सबसे आगे निकलने की होड़ में चीनी ड्रैगन ने दुनिया की सुरक्षा की सारी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रखा है और यही वजह है, कि ये लगातार तीसरी बार ऐसा हुआ है, कि चीन का ऑउट ऑफ कंट्रोल रॉकेट अंतरिक्ष से बेकाबू होकर धरती पर गिरा है और चीन ने उसकी कोई भी जवाबदेही लेने से इनकार कर दिया।
धरती पर गिरा चीन का रॉकेट अमेरिकी रक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है, कि अंतरिक्ष में ऑउट ऑफ कंट्रोल हो चुका चीन का लॉन्ग मार्च 5B रॉकेट धरती पर गिर चुका है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा है कि, शनिवार को चीन का रॉकेट धरती पर गिरा है और सैकड़ों लोगों की जिंदगी पर मंडराने वाला खतरा टल गया है। इससे पहले अमेरिकी रक्षा विभाग ने ऑउट ऑफ कंट्रोल हो चुके इस रॉकेट को लेकर दुनिया से तमाम जानकारियां छिपाने के लिए चीन को फटकार लगाई थी और चीनी वैज्ञानिकों को गैर-जिम्मेदार कहा था। अमेरिकी सैन्य इकाई ने ट्विटर पर चीन के आधिकारिक नाम का जिक्र करते हुए लिखा कि, ''यूएस स्पेस कमांड "पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) के लॉन्ग मार्च 5B (CZ-5B) रॉकेट के हिंद महासागर में 10:45 सुबह (अमेरिकी समय) बजे 7/30 एमडीटी में गिरने की पुष्टि करता है''।
चीन से मांगी गई बाकी जानकारी अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा है कि, हम पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चायना से इस अनियंत्रि रॉकेट के मलबे को लेकर ज्यादा तकनीकी जानकारी जानना चाहते हैं और जिस जगह पर ये रॉकेट गिरा है, वहां कितना नुकसान हुआ है, उसको लेकर भी अधिक जानकारी के लिए हम पीआरसी को संदर्भित करते हैं। आपको बता दें कि, लॉन्ग मार्च 5 बी रॉकेट का इस्तेमाल पिछले रविवार को वेंटियन नामक एक मानव रहित अंतरिक्ष यान को लॉन्च करने के लिए किया गया था। चीन अपना खुद का स्पेस स्टेशन तैयार कर रहा है, जिसमें तीन मॉड्यूल लगने हैं। पिछले साल मई में पहला मॉड्यूल भेजा गया था और उस वक्त भी चीनी रॉकेट बेकाबू हो गया था और हिंद महासागर में मालदीव के पास गिरा था। वहीं, इस बार चीनी रॉकेट से दूसरा लैब मॉड्यूल भेजा गया था। लैब मॉड्यूल तो अपने निर्धारित स्थान पर पहुंच गया, लेकिन फिर से चीनी रॉकेट बेकाबू हो गया और हिंद महासागर में गिरा है। इस रॉकेट का वजन 25 हजार किलो था।