ऑस्ट्रेलिया के बाद कनाडा में हिन्दू मंदिर पर हमला, मशहूर गौरी-शंकर मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी नारे
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया के बाद कनाडा में भी हिन्दू मंदिर को निशाना बनाया गया है और खालिस्तान समर्थकों ने हिन्दू मंदिरों पर भारत विरोधी नारे लिखे हैं। कनाडा में ब्रैम्पटन में एक प्रमुख हिंदू मंदिर पर भारत विरोधी ग्रैफिटी बनाई गई है, जिसको लेकर भारतीय समुदाय में आक्रोश है। टोरंटो में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने गौरी शंकर मंदिर में तोड़फोड़ की घटना की निंदा करते हुए कहा है, कि मंदिर को विरूपित करने से कनाडा में भारतीय समुदाय की भावनाओं को गहरा ठेस पहुंची है।
भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने अपने बयान में कहा है, कि "बर्बरता के घृणित कृत्य ने कनाडा में भारतीय समुदाय की भावनाओं को बहुत आहत किया है"। वाणिज्य दूतावास कार्यालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा, "हमने कनाडा के अधिकारियों के साथ इस मामले पर अपनी चिंता जताई है"। आपको बता दें, कि ये मंदिर, कनाडा में भारतीय विरासत का प्रतीक है, उसे भारत के प्रति नफरत भरे संदेशों के साथ तोड़ दिया गया है। कनाडा के अधिकारी फिलहाल इस घटना की जांच कर रहे हैं। आपको बता दें, कि ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर को विरूपित करने की ये कोई अलग घटना नहीं है, बल्कि पिछले जुलाई से कनाडा में कम से कम इसी तरह की बर्बरता की तीन घटनाएं दर्ज की गई थीं।
पिछले साल सितंबर में, भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में एक बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया था, कि भारतीयों के खिलाफ घृणा अपराधों और कनाडा में अन्य "भारत विरोधी गतिविधियों" में "तेज वृद्धि" हुई है। नई दिल्ली ने कनाडा सरकार से घटनाओं की ठीक से जांच करने का आग्रह किया था। कनाडा सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, कनाडा में साल 2019 से 2021 के बीच धर्म, यौन अभिविन्यास और जाति को निशाना बनाकर लक्षित घृणा अपराधों में 72 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसकी वजह से अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से भारतीय समुदाय, जो कि कनाडा में सबसे तेजी से बढ़ने वाला जनसांख्यिकीय समूह है, उनके बीच डर बढ़ गया है। कनाडा में भारतीय समुदाय, कुल जनसंख्या का लगभग चार प्रतिशत है। भारतीय अधिकारियों ने कनाडा में खालिस्तानी समर्थक तत्वों द्वारा भारतीय समुदाय पर हमलों का मुद्दा बार-बार उठाया है।