September 21, 2024

विकास दिव्यकीर्ति सर ने बताया- कैसे रेप पीड़िता बनी IPS, मिली सबसे ज्यादा खुशी

नई दिल्ली 

देश के चर्चित शिक्षकों में शामिल डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति ने अब माता-पिता की कोचिंग की भी वकालत कर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पैरेंट्स बनने के साथ ही उनकी कोचिंग शुरू हो जानी चाहिए। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अपने शिक्षक जीवन से जुड़ा एक भावनात्मक किस्सा भी साझा किया, जहां मेहनत के दम पर बलात्कार का शिकार हुए युवती ने IPS ऑफिसर बनने तक का सफर तय किया। डॉक्टर दिव्यकीर्ति ने कहा, 'पैरेंट्स की कोचिंग तो उसी दिन शुरू हो जानी चाहिए, जिस दिन वो पैरेंट्स बनते हैं। इस देश में बच्चों की कोचिंग से ज्यादा जरूरी है पैरेंट्स की कोचिंग करना। मैं भी एक पैरेंट हूं और मैं भी इस बात को समझता हूं। एक अजीब सा भय बच्चों के मन में रहता है।' ABP न्यूज के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, 'मैं बच्चों का भविष्य नहीं बनाता। बच्चें ही हैं, जो कुछ किस्मत के साथ कड़ी मेहनत करते हैं और IAS अफसर बनते हैं।'

कैसे रेप पीड़िता बनी अधिकारी
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया, 'मुझसे कई लोगों ने पूछा कि इतने विद्यार्थियों को पढ़ाने के बाद सबसे अच्छा अनुभव कौन सा रहा।' इसे लेकर उन्होंने मंच से 15-17 साल पहले का एक उदाहरण साझा किया, जब बलात्कार का शिकार हुआ युवती मुलाकात करने पहुंची थी। उन्होंने कहा, 'एक लड़की मुझसे मिलने आई, जिसकी उम्र 21-22 साल रही होगी उस समय और उसने रोते हुए मुझसे एक बात कही कि मैं गांव में थी। वहां मेरे साथ रेप हुआ। और जिस तरह से उसने बताया वह बहुत घबराने वाली बात थी। तो मैंने कहा कि फिर आपने पुलिस में शिकायत तो की होगी, अपने माता-पिता से बात की होगी। उसने कहा मैं यह बात दुनिया में किसी से भी कर सकती हूं। आपसे भी कर सकती हूं, लेकिन अपने माता-पिता से नहीं कर सकती। क्योंकि जब मैं छोटी थी, कुछ रिश्तेदारों ने ऐसी हरकत की थी। जब मैंने अपनी मां को बोला, तो मां ने डांटकर भगा दिया।'

उन्होंने आगे कहा, 'और उस लड़की के मन में एक ही सपना था कि उसे नौकरी नहीं चाहिए। वह कहती थी कि मैं जिंदगी जी लूंगी। मेरा मन करता है कि मैं पुलिस बनूं और कम से कम अपने इलाके में किसी और बच्ची के साथ ये नहीं होने दूं।' उन्होंने कहा, 'मेरे जीवन का सबसे संतुष्ट करने वाला अनुभव वो था जब वह तीन-चार साल की मेहनत के बाद IPS बनी। आज वह IPS है।'