December 1, 2025

कल्कि कथा में जगद्गुरु रामभद्राचार्य का संदेश: सतयुग में सिर्फ सनातनी ही बचेंगे

संभल
अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने एक और विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भगवान कल्कि के अवतार लेने के बाद सतयुग का आरंभ होगा और उसमें केवल सनातनी ही रहेंगे. टीवी9 डिजिटल से बात करते हुए जगतगुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि भगवान कल्कि के अवतार के लिए अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा. थोड़ी देर लगेगी, लेकिन भगवान विष्णु के 10वें और अंतिम कल्कि अवतार के साथ सतयुग का आरंभ होगा.

अगर मुसलमानों की कन्वर्ट होने की इच्छा नहीं हुई तो?
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने आगे कहा कि संभल में कल्कि पुराण व्याख्यान का आयोजन हो रहा है. विश्व में पहली बार कल्कि भगवान की कथा हो रही है. सतयुग की अवधारणा में कौन-कौन रहेंगे, क्या उसमें मुसलमानों सिख और ईसाइयों के लिए भी जगह होगी? इस सवाल पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि नहीं… जो सनातन धर्म का होगा, वही सतयुग में रहेगा. मौजूदा मुसलमानों का क्या होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा या तो कन्वर्ट होंगे या फिर गोविंदा नमो नमः होंगे. अगर मुसलमानों की कन्वर्ट होने की इच्छा नहीं हुई तो? इस पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि अपने आप कल्कि भगवान इच्छा जगा देंगे.

SC-ST के आरक्षण पर क्या बोले रामभद्राचार्य?
वहीं जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने एक बार फिर से दोहराया कि जाति आधार पर कहीं भी आरक्षण नहीं होना चाहिए, बल्कि आर्थिक आधार पर आरक्षण होना चाहिए. SC और ST को जाति के आधार पर आरक्षण न देने के बयान पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि मैंने सरकार से SC और ST को जाति के आधार पर आरक्षण न देने की मांग कर दी है. जाति के आधार पर आरक्षण नहीं मिलना चाहिए. यदि आप जातिवाद को नष्ट करना चाहते हैं तो जाति के आधार पर आरक्षण क्यों होगा? ‘गुड़ खाओ और गुलगुले से परहेज करो’.

मीडिया ने जब उनसे पूछा कि क्या आपकी मांग पर सरकार ने कोई आश्वासन दिया है? इस पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि सरकार क्या आश्वासन देगी. सरकार तो वोट बैंक चाहती है, लेकिन हमने कहा है. क्या मौजूदा सरकार आरक्षण को हटाने के पक्ष में नहीं है. इस सवाल पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि कोई बात नहीं. हमारा कोई न कोई पक्ष जीतेगा.

संभल में कल्कि महोत्सव का आगाज
दरअसल, संभल जिले में आज 1 से 7 दिसंबर तक चलने वाले कल्कि महोत्सव का आगाज हुआ है. कल्कि महोत्सव के आयोजक कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम के विशेष आमंत्रण पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ‘विश्व की पहली’ कल्कि कथा करेंगे. कल्कि कथा शुरू होने से पहले महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली और यज्ञशाला की परिक्रमा की.

‘WIFE’ को लेकर दिया था विवादित बयान
इस मौके पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि मैं कोई विवादित वक्तव्य नहीं देता. मैं कोई भी अशास्त्रीय और अप्रामाणिक वक्तव्य नहीं देता. धर्माचार्यों को संस्कृत पढ़नी चाहिए, इसमें मैने कुछ भी गलत नहीं बोला. ‘WIFE’ की परिभाषा को लेकर उठे विवाद परजगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि ‘WIFE’ को लेकर मैने जो बोला, वो मैं नहीं अंग्रेज बोलते हैं. ये बात विदेशी कहते हैं. हमारी भारतीय संस्कृति में औरत को पत्नी, मां और बहन माना गया, जबकि वहां पत्नी को ‘WIFE’ और ‘बेबी’ कहा जाता है.

हमारी संस्कृति में महिलाओं को देवी कहा गया- रामभद्राचार्य
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने आगे कहा कि जो पतन से बचा ले, वही पत्नी होती है. विदेशी संस्कृति में महिलाओं को ‘बेबी’ और ‘बीवी’ कहा गया, जबकि हमारी संस्कृति में देवी कहा गया है. हमारे यहां डाइवोर्स नहीं है, जबकि विदेशी संस्कृति में डायवोर्स होता है. हमारे यहां पत्नी नहीं धर्मपत्नी कहा जाता है. टीवी9 डिजिटल से बात करते हुए जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि यह व्याख्या मेरी नहीं विदेशियों की है. शेक्सपियर का भी मैंने उदाहरण दिया, मैंने सबके उदाहरण दिए. जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया.

बिना संस्कृत ज्ञान के उपदेश देना गलत
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने आगे कहा कि मैं जगद्गुरु हूं. आज की तारीख में जितने भी जगद्गुरू गुरु हैं, किसी भी जगद्गुरू ने तीन भाष्य नहीं लिखा, लेकिन मैंने लिखा. मैं सभी सनातनी को गीता दिवस की बधाई देता हूं. जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि मैं आज फिर से कहता हूं कि सभी आचार्यों को संस्कृत आनी चाहिए, उसका ज्ञान उन्हें होना चाहिए. बिना संस्कृत ज्ञान के उपदेश देना गलत है. मैं जगद्गुरू भी हूं और आचार्य भी हूं. मैं ये अहंकार में नहीं बोल रहा हूं. मैंने विदेशी संस्कृति और भारतीय संस्कृत का अंतर बताया. अपने विरोधियों को जवाब देते हुए जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि मेरी प्रतिभा को धुमिल करने के लिए जयचंद मुझे बदनाम करते हैं. ‘हाथी चले बाजार, कुत्ते भौंके हजार’.