50 की उम्र के बाद एक्सरसाइज करते हुए रखें इन चीजों का ध्यान, गलती से भी न करें ये वर्कआउट
यह तो हम सभी जानते हैं कि बॉडी को फिट बनाए रखने के लिए सही डाइट और बेहतर एक्सरसाइज दोनों ही बहुत जरूरी है। क्योंकि एक्सरसाइज की वजह से शरीर फिट, एर्नेजेटिक और तमाम तरह की बीमारियों से कोसो दूर रहता है साथ ही ऐसी एक्टिव लाइफस्टाइल से दिमाग भी चुस्त बना रहता है।
लेकिन ढ़लती उम्र के साथ अपने एक्सरसाइज रूटीन में बदलाव लाना बहुत जरूरी है। क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ मांसपेशियां ढ़ीली पड़ने लगती और हड्डियां भी कमजोर होने लगती है। ऐसे में आप बाहरी तौर पर भले ही खुद को एनर्जेटिक और हैल्दी महसूस करें, लेकिन बढ़ती उम्र में इन तमाम लक्षणों को नकारा नहीं जा सकता है। ऐसे में हम आज आपको कुछ ऐसी एक्सरसाइज बता रहे हैं, जिन्हें बढ़ती उम्र में करने से बचना चाहिए। साथ ही यह भी कि उम्र के इस पड़ाव पर शरीर चुस्त और दुरुस्त बनाए रखने के लिए आप किस तरह की एक्सरसाइज कर सकते है।
डेडलिफट्स, लग सकती है चोट
शरीर की सभी तरह की मांसपेशियों को इंगेज करने वाली यह एक्सरसाइज बहुत मुश्किल एक्सरसाइज में से एक है। बढ़ती उम्र में इस तरह की एक्सरसाइज करने की वजह से ज्वाइंट में दर्द रहने लगता है। साथ ही इस एक्सरसाइज में हुई छोटी सी भूल चुक की वजह से आपको चोट लग सकती है और कमर में लम्बें वक्त तक दर्द की समस्या हो सकती है। क्योंकि जैसे-जैसे आप बूढ़े होते जाते है वैसे-वैसे आपकी बॉडी मसल्स ढीली पड़ने लगती है और इन्हें बिलकुल सही शेप में रखना मुश्किल है। इसलिए डेडलिफट्स जैसी एक्सरसाइज में एक जरा सी गलती की वजह से स्लीप डिस्क या फिर रीढ़ की हड्डी में भी चोट लग सकती है।
इंटेंस कार्डियो, ब्रेक लेना है जरूरी
इसमें कोई दोराय नहीं कि दिल की सेहत के लिए कर्डियो से बेहतर कोई ओर एक्सरसाइज नहीं हैं। लेकिन बढ़ती उम्र के साथ दिल और दिल की मांसपेशियां कमजोर होने लगती है और रक्तधमनिया भी छोटी होने लगती है। ऐसे में इंटेंस कार्डियो करने की वजह से आपके दिल की मांसपेशियों में खिचांव हो सकता है, जिससे ‘कोर्टिसोल' नामक स्ट्रेस हार्मोन्स बनने लगता है। इसी हार्मोन की अधिकता की वजह से वजन बढ़ सकता है। ऐसे में छोटी-छोटी एक्सरसाइज करने और बीच में ब्रेक लेना न भूले।
नेक पुलडाउन, सिकुड़ सकती है रक्त धमनियां
इस तरह की एक्सरसाइज तब तक नहीं करनी चाहिए, जब कि आप उसे करने का सही तरीका न जानते हो। क्योंकि जरा सी चुक से आपको बहुत दर्द और गर्दन की मांसपेशियों में खिचाव हो सकता है। इतना ही इस जरा सी भूल के कारण ही गर्दन की रक्तधमनियां सिकुड़ भी सकती है, जिसकी वजह से आपको चक्कर आने लगते है।
लेग प्रेस, मांसपेशियों पर जोर
पैरों पर बहुत ज्यादा वजन पड़ने से, घुटना व उसके आस-पास की मांसपेशियों पर असर पड़ता है। अगर आप पहले से ही घुटनों के दर्द से परेशान है तो किसी भी तरह की एक्सरसाइज करने से बचे।
कैसी हो सही एक्सरसाइज
अपने डेली रूटीन में बैलेंस ट्रेनिंग शामिल करें। बैलेंस बनाने की प्रेक्टिस से आप गिरेगे नहीं। ऐसे एक्सरसाइज चुनें, जिनसे मांसपेशियों पर एकदम से ज्यादा असर न पड़े जैसे कि कूदने के बजाए रनिंग करना, वॉक करना, जॉगिंग या फिर साइक्लिंग करना आपकी सेहत के लिए ज्यादा बेहतर है। बहुत से बुजुर्ग लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है, ऐसे में कुछ ऐसी एक्सरसाइज भी करें, जिससे आपको इस समस्या से राहत मिले।